दुपहिया वाहनों के चलते आमजन को दैनिक जीवन में काफी सुविधा मिलने लगी है, लेकिन इसी के साथ तीव्र गति से वाहन को चलाने, गाड़ी चलाने के कायदे कानूनों का अनुपालन न करने आदि के चलते दुर्घटनाओं में भी तेजी के साथ वृद्धि हो रही है। स्कूटर, मोटरसाइकिल आदि दुपहिया वाहन चलाते समय प्रायः देखने को मिलता है कि यदि कहीं दुर्घटना हो जाती है तो शरीर का सबसे नाजुक एवम् महत्वपूर्ण अंग, सिर में चोट लगने के चलते व्यक्ति के साथ जानलेवा स्थिति बन जाती है। ऐसी स्थिति में सभी के मुंह से यही निकलता है, कि काश उस आदमी ने यदि हेलमेट लगाया होता तो उसकी जान बच सकती थी। हेलमेट के इसी महत्व को दृष्टिगत रखते हुए, लोगों से हेलमेट लगाए जाने का अनुरोध किया जाता है। सभी इसके लाभ को समझते हैं फिर भी बहुत लोग लापरवाही के चलते नहीं लगाते है। तेजी के साथ बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के कारण पुलिस विभाग हेलमेट न लगाने के कारण दंडात्मक कार्यवाही भी करता है एवं हेलमेट लगाने हेतु अभियान चलाकर जागरूक करता रहता है, फिर भी वांछित सफलता नहीं मिल पा रही है।

रायपुर एसएसपी का कार्यभार संभालते ही श्री आरिफ शेख जी (SSP Mr. Arif sheikh) को यह ज्ञात हो गया कि राजधानी में ट्रैफिक एक बड़ी समस्या है जगह-जगह थोड़ी दूरी में वाहनों का जाम लग जाना एक आम बात है। उन्होनें इस समस्या का समाधान खोजना चालू किया और कम दूरियों पर ट्रैफिक कन्ट्रोलर, इंचार्ज को लोगों को एलर्ट करने खड़ा करना चालू किया। चौक-चौराहों पर सीसी टीवी कैमरे लगवाये और ट्राफीक जाम की समस्या से लोगों को मुक्ति दिलाकर वाहनों को गति दी। परंतु इस गति ने एक दूसरी समस्या को खड़ा कर दिया। रायपुरियंस ने अपने वाहनों के एक्सीलेटर को रेस कर अपनी स्पीड बढ़ा ली और इन तेज गति से चलने वाले वाहन सवारों को दुर्घटना होने पर चोट लगने का खतरा मंडराने लगा। दूरदर्शी व धेर्यवान एसएसपी आरिफ शेख जी यह जानते थे कि रायपुर वाले धीमी गति के कारण हेलमेट लगा कर गाड़ी चलाने से कतराते थे जो उनकी आदत में शुमार हो चुका था एवं इस आदत को बदलने के लिए कुछ अलग करने की आवश्यकता थी।

05 अगस्त 2019 को एक स्वयंसेवी संस्था के अध्यक्ष ने रायपुर पुलिस को निःशुल्क वितरण के लिए 100 हेलमेट दिए। इससे प्रेरित होकर एसएसपी आरिफ शेख जी ने इसे वृहद स्तर पर पहुंचते हुए बड़ी संख्या में हेलमेट वितरण के महाअभियान की योजना बनाई और रायपुर पुलिस (Raipur Police) ने “हर हेड हेलमेट अभियान” शुरु किया। इसमें सभी पुलिस थानों को शामिल किया गया। अभियान में सहयोग के लिये स्वयंसेवी संस्थाओं, व्यापारिक संगठनों और अन्य समाज सेवी संगठनो को शामिल किया गया। सोशल मीडिया व रक्षाबंधन के भावनात्मक त्योहार को जोड़कर भाई-बहनों को गिफ्ट में हेलमेट देने की अपील एवं हेलमेट के साथ सेल्फी लेने का भी जमकर प्रचार किया गया। इस प्रकार देखते ही देखते बहुत सारे लोग एवं संगठन इस अभियान से जुड़ते चले गए एवं इस प्रकार 15 अगस्त 2019 को रक्षाबंधन के अवसर पर शहर के 147 केंद्रो से विभिन्न सामाजिक संगठनो की मदद से रायपुर पुलिस ने 15223 हेलमेट का वितरण कर दिया। जब ये आंकड़े रिकॉर्ड की एप्लिकेशन के साथ गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस (Golden Book of World Records) में भेजे गए तो रिजल्ट पोजिटिव आया। आज तक पूरे विश्व में कहीं भी इतने सारे हेलमेट एक ही दिन में नही बांटे गए थे और इस तरह रायपुर पुलिस ने एसएसपी श्री आरिफ शेख जी के नेतृत्व में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (GBWR) के लिए क्वालीफाई कर लिया।

07 सितंबर 2019 को रायपुर के न्यू सर्किट हाउस (new cercuit house, Raipur) में पुलिस विभाग द्वारा आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के आमंत्रित प्रतिनिधि ने इस वैश्विक उपलब्धि को लार्जेस्ट हेलमेट डिस्ट्रीब्यूशन इन वन डे (largest helmet distribution in one day) के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किए जाने की घोषणा की तो उपस्थित समस्त जन समुदाय में हर्ष की लहर दौड़ गई। आईजी श्री आनंद छाबड़ा जी (IG Mr. Anand Chhabda) की उपस्थिति में श्री आरिफ शेख जी को वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अतुल्य योगदान देने एवं दिन-रात एक कर कार्यक्रम को सफलता दिलाने वाले डीएसपी ट्रैफिक श्री सतीश ठाकुर जी, ट्रेफिक इंस्पेक्टर श्री दुर्गेश रावत जी, विभिन्न मीडिया के अधिकारी एवं पत्रकारगण, प्रमुख स्वयंसेवी संगठनों के समाजसेवियों सहित कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने सभी लोगों को भी सम्मानित किया गया।

हर हेड हेलमेट अभियान के प्रणेता, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री आरिफ शेख जी का नाम उनकी कार्य करने की एक अलग शैली के कारण पूरे भारत में पहचाना जाता है। 30 मार्च 1980 को शोलापुर, महाराष्ट्र में जन्मे श्री आरिफ शेख जी ने पूणे से इलेक्ट्रानिकस में इंजीनियरिंग करने के बाद जनसेवा के क्षेत्र चुनते हुए आइपीएस अधिकारी बनकर राष्ट्रसेवा एवं जनसेवा को अपना जीवन समर्पित कर दिया है।