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- सच्चे व्यक्ति का व्यक्तित्व नमक की तरह अनोखा होता है, जिसकी उपस्थिति याद नही रहती, मगर उसकी अनुपस्थिति प्रत्येक चीज को बेस्वाद बना देती है।
- अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं अकेले हम कागज हैं, मिल जाएं तो किताब हैं जीवन का आनंद मिलजुल कर रहने में है खुश रहो खुशिया बाँटते रहो।
- कागज के टुकड़े करना सरल है, कपड़े के टुकड़े करना थोड़ा कठिन है, लोहे के टुकड़े करना काफी कठिन है, लेकिन सबसे ज्यादा कठिन कुछ है तो वह है हमारे अंदर स्थित अहम के टुकड़े करना।
स्वयं की क्षमताओं पर, प्रयासों पर और स्वयं पर भरोसा रखो। दुनिया की कोई भी चीज ऐसी नहीं जो मनुष्य के प्रयासों से बड़ी हो।