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- किसी को चोट पहुँचाना उतना ही आसान है जैसे पेड़ से पत्ता तोड़ना, लेकिन किसी को खुश करना एक पेड़ उगाने जैसा है। इसमें बहुत समय, देखभाल और धैर्य लगता है।
- हारे हुए की सलाह,जीते हुए का अनुभव और खुद का दिमाग इंसान को कभी हारने नही देता।
- क्रोध आने पर चिल्लाने के लिऐ कोई ताकत नहीं चाहिए। मगर क्रोध आने पर चुप रहने के लिए,बहुत ताकत चाहिए।
विश्वास तो दर्पण है- तोडो तो पहले जैसा रूप नहीं, जोड़ो तो पहले जैसा अक्स नहीं।