अत्यंत प्रतिष्ठित संस्थानों से बीटेक एवं एमटेक की पढ़ाई करके, बेहतरीन पदों पर कार्य करते हुए एवं अतिव्यस्त रहने के बावजूद प्रतिपल विज्ञान के नूतन आविष्कारों के बारे में सोचते रहना, कैसे नए-नए वैज्ञानिक आविष्कार आमजन तक पहुंचे इसी में विचार मग्न रहना, तीर्थराज प्रयागराज निवासी, इंजीनियर स्वप्निल कुमार शर्मा जी ( Er. Swapnil Kumar Sharma) के जीवन का अनिवार्य हिस्सा रहा है। अपनी इसी सोच के चलते इं० स्वप्निल जी ने विज्ञान के प्रचार-प्रसार की मूल भावना से उत्प्रेरित हो वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना डाला।
27 दिसंबर 1989 को जन्मे इं० स्वप्निल जी बचपन से ही मेधावी छात्र थे, साथ ही अल्पायु में ही नई-नई खोजों के प्रति उत्सुक रहा करते थे।अपनी इसी सोच के चलते स्कूली दिनों से ही विज्ञान के प्रोजेक्ट बनाने लगे तथा जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और प्रदर्शनियों में प्रतिभाग करने लगे। इसी के तहत उड़ीसा के प्रसिद्ध किट विश्वविद्यालय में भारत रत्न श्रद्धेय डॉक्टर अब्दुल कलाम जी एवं प्रख्यात विद्वान श्रीयुत प्रोफेसर यशपाल जी से आपकी मुलाकात हुई, जिससे आपके जीवन को नई ऊर्जा मिली। आपकी वैज्ञानिक अन्वेषणा चलती रही, साथ ही बीटेक एवं एमटेक की पढ़ाई पूरी कर, पहले दिल्ली में निजी क्षेत्र में एवं आगे चलकर इंजीनियरिंग कालेज में प्रवक्ता बने। कुछ समय उपरांत सब कुछ छोड़ अपने गृह जिला प्रयागराज आ गए और वही पहले संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के इलाहाबाद म्यूजियम में और फिर आगे चलकर सांस्कृतिक मंत्रालय के ही एक अन्य संस्थान उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में आई टी प्रबंधक के पद पर सेवारत हो गए।जीवन रेल तो अच्छी चल रही थी, लेकिन मन बेचैन रहता था, कुछ खास करने के लिए।
इसी दौरान इं० स्वप्निल जी अपने बचपन के मित्र इं० ऋतांशु गुप्ता के साथ मिलकर “आई साइंस वर्ल्ड” (iScienceWORLD) नामक विज्ञान क्लब बना कर अपने मूल उद्देश्य पूर्ति पर चलने लगे। आपकी लगन एवं सोच को देख आगे चलकर इं० ऋषभ पाण्डेय जी भी आपके साथ आ गए। अब आपकी टीम साइंस को बड़े स्तर पर विद्यार्थियों के बीच स्थापित करने के लिए प्रयास करने लगी। वृहद स्तर पर कार्य करने, कुछ बड़ा करने का सोचने के दौरान 2019 में आपके मन में यह विचार उत्पन्न हुआ कि क्यों ना काम इतना बड़ा किया जाए कि वह एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बन जाए जिससे वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं सोच के महत्व को वृहद स्तर पर सबको समझाया जा सके। सांस्कृतिक केंद्र में सेवा के दौरान, कुंभ 2019 आयोजन के समय आपको इस तरह के विश्व रिकॉर्ड बनते हुए देखने का अनुभव मिल चुके थे अतः अपनी मित्रमंडली से इस विचार का जिक्र किया और रिकार्ड बनाने के लिए गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) के कार्यालय से संपर्क कर, समस्त आवश्यक जानकारी प्राप्त की।
वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने हेतु विषय सहित अनेक बिंदुओं पर चर्चा करने के उपरांत वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की कार्य योजना पर कार्य शुरू हो गया तथा इस हेतु आई साइंस वर्ल्ड की संस्थापक प्रवर्तक एवं श्रीमहाप्रभु पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती रविंदर बिर्दी के व्यापक अनुभवों की आभा के अंतर्गत एक टीम बनाकर कार्य प्रारंभ कर दिया। इस असाधारण कार्य को संपन्न कराने में प्रमुख रूप से प्रो० के. के. भूटानी जी, सुश्री श्वेता अरोड़ा, श्री श्रीभगवान पाण्डेय, इंजीनियर जे. एस. बिर्डी, श्री आशीष तिवारी, श्री सर्वेश पाण्डेय, श्रीमती सुमन जायसवाल, श्रीमती अनीता मिश्रा, श्रीमती सुचित्रा वर्मा, सुश्री प्रीति सिंह, श्री आशीष रंजन, श्रीमती सिंथिया डिक्रूजा, श्रीमती सोनू सिंह, श्रीमती प्रज्ञा कुशवाहा, श्री सिराज अंसारी, श्री सौम्य श्रीवास्तव, इत्यादि के साथ अनेकों शिक्षाविदों, विद्यार्थियों, विज्ञान संचारकों ने अपना अतुल्य योगदान देना प्रारंभ किया। इस तरह आप सभी ने मिलकर लगभग 5000 छात्रों को जोड़कर जल के प्रयोग पर विस्तृत रिकार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया। इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को जोड़ना, आर्थिक व्यवस्था करना सहित अन्य तमाम दिक्कतें थी, फिर भी आपकी टीम पूर्ण समर्पण भाव से लग गई और अंततः लगभग नौ माह की अथक तपस्या के उपरांत 14 दिसंबर 2019 को वह दिन आया, जब प्रयागराज में 4272 छात्रों ने एक साथ विज्ञान का प्रयोग करते हुए “सर्वाधिक लोगों द्वारा एक साथ जल से संबंधी वैज्ञानिक प्रयोग” (most people performing science experiment involving water) शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (GBWR) में अपना नाम दर्ज करा कर विद्वानों की नगरी प्रयागराज की ख्याति में चार चांद लगा दिए। पिता श्री गोपाल स्वरूप एवं माता श्रीमती उर्मिला के आंगन में जन्मे, इं० स्वप्निल कुमार शर्मा जी आज प्रयागराज में शिक्षा क्षेत्र में पूर्ण रूप से रमकर कर बच्चों के बीच विज्ञान के प्रचार-प्रसार हेतु अपने आपको समर्पित कर दिया है।