शिक्षा की वर्तमान स्थिति में तेज़ी से सुधार हुआ है , वैज्ञानिक आविष्कार एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण, दोनो में जबरदस्त गुणवत्तापरक बदलाव आए हैं। बावजूद इन सबके, भारत देश की एक विशाल जनसंख्या अभी भी अनेक बीमारियों का बेहतरीन चिकित्सकों से इलाज कराने के बजाय झाड़-फूंक आदि से निवारण करने की कोशिश करती है एवं मानसिक व्याधियों एवं रोगों के मामले में तो यह समस्या और भी गम्भीर ही जाती है। व्यक्ति जो मानोचिकित्सक के पास जाकर स्वस्थ हो सकता है वह अनजाने ही मानसिक स्थिति के मकड़जाल में फंसकर अवसाद तक पहुँच जाता है। ऐसे व्यक्तियों को रोग की स्थिति तथा उसके सही इलाज से परिचित कराने वाला मात्र एक व्यक्ति होता है : वह है मनोचिकित्सक। डॉक्टर ही सही मार्गदर्शन तथा उपयुक्त इलाज कर बीमारी से निजात दिला सकता है। यह सत्य है कि ऐसे चिकित्सकों का अभाव है किंतु ऐसा भी नही है कि घुप्प अंधियारा छाया हुआ है। हमारे बीच एक्का-दुक्का ही सही किन्तु ऐसे देवस्वरूप डॉक्टर मौजूद हैं जो इस पेशे में आने से पहले ली गई शपथ को ताउम्र निभाते हैं तथा चिकित्सक के आदर्श मानदंडों पर पूर्णतयः खरे उतरते हैं।

गौतम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेन्टर जयपुर की स्थापना कर पतिदेव डॉ मनस्वी गौतम संग आमजन विशेषकर गरीबों की सेवा में अनवरत रत, डॉ अनीता गौतम जी ऐसी ही डॉक्टर हैं जिन्होंने सेवा को ही ईश्वर आराधना मानकर उसी में अपने जीवन को समर्पित किया है। आप प्रतिदिन मानसिक रूप से परेशान लोगों की विवेचना करते हुए स्वस्थ होने का परामर्श तो देती ही हैं उसके साथ साथ लोगों को जागरूक करने का प्रयास भी करती रहती हैं कि कैसे मानसिक बीमारियों से बचा जाए, किस बीमारी का क्या उपयुक्त इलाज है तथा रोग का इलाज केवल चिकित्सक से ही कराएँ। इस कार्य में आप विभिन्न माध्यमों द्वारा अक्सर जन जागरूकता अभियान चलाती रहती हैं। साथ ही मीडिया के माध्यम से भी जागरूकता फैलाती हैं। आप अपने अतिव्यस्त जीवन में टेलीविज़न के माध्यम से भी प्रयास कर लोगों को जागरूक करती रहती हैं । इस प्रकार की आप पहली महिला मनोचिकित्सक हैं जो टेलीविज़न पर इतना सक्रिय रहती हैं। बहुत ही कम समय मे आपने टेलीविज़न के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का महती प्रयास किया है।

एक दिन एक टेलीविजन प्रोग्राम के बाद एक परिचित ने कहा आपको तो हम अमूमन टीवी पर देखकर बच्चों के मनोविज्ञान को समझते रहते है आपने हमको ही नहीं पता नहीं कितने कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं एवं बच्चों को जाग्रत किया है आपका यह कार्य तो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। यह सुनकर डॉ गौतम जी के मन मे अचानक विचार आया कि ”जब इतनी बार लोगों को जागरूक कर चुकी हूँ तो क्यों न इसे एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज कराने का प्रयास किया जाए”। बस, फिर आप लग गई इस दिशा में और अपने हितैषियों से जानकारी प्राप्त कर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) के ऑफिस में संपर्क किया। GBWR ज्यूरी द्वारा आपके आवेदन एवं साक्ष्यों का गहन परीक्षण किया गया तथा जांचोपरांत वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज होने हेतु अनुमोदन किया इस प्रकार दिसंबर 2015 से दिसंबर 2018 के दौरान सौ बार टेलीविज़न के कार्यक्रम में उपस्थित होकर महिलाओं एवं बच्चों संबंधित मामलों में विशेषज्ञ के रूप में परिचर्चा में शामिल होने के लिए आपका नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (GBWR) में दर्ज किया गया।

इंजीनियर श्री रमेशचंद्र शर्मा एवं माँ श्रीमती गोमती देवी की गोद मे 8 सितंबर 1981 में जन्मी डॉ अनीता गौतम (Dr. Anita Gautam) जी के अंदर सेवा का भाव माँ ने जन्म के समय ही सीखा दिया था। मनोविज्ञान में एमडी करने के उपरांत आप पतिदेव के साथ जी जान से आमजन की सेवा में तल्लीन हो गईं। आपकी इस असाधारण उपलब्धि से सम्पूर्ण शहरवासी आनंदित हो उठे एवं आपको विभिन्न संस्थाओं से सम्मानित किया जाने लगा। वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने के बाद आपमे अब सेवा की भावन और बलवती हो गई तथा इस दिशा में आप अब अपनी और अधिक ऊर्जा के साथ रत हैं ।