ईश्वर से जुड़ने के सबसे सरल और प्रभावी तरीकों में से एक है भक्ति के साथ श्लोक, स्तोत्र और मंत्रों का पाठ करना। हिंदू धर्म में लोग अनेकों देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। हिन्दुओं में ब्रह्मा, विष्णु और शिव तीन सबसे महत्वपूर्ण देवता हैं जिन्हें त्रिदेव भी कहा जाता हे। ब्रह्मा जी को सृष्टि का निर्माता, विष्णु जी को सृष्टि का संचालक और शिव जी को विध्वंसक के रूप में जाना जाता है। भगवान विष्णु जो सृष्टि के संचालक हैं उनके पूजन का विशेष महत्त्व है। भगवान विष्णु को जगत का पालक बताया गया है। सृष्टि में ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवताओं में जगत के पालन का उत्तरदायित्व भगवान विष्णु का है, इसलिए व्यक्ति को भौतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए विष्णु आराधना करनी चाहिए। एसा माना जाता है कि, विष्णु आराधना से व्यक्ति को यश व लक्ष्मी की प्राप्ति होती है साथ ही व्यक्ति आनंद से अपने तथा अपने कुटुंब का पालन-पोषण करता है। सहस्र का अर्थ है हजार, विष्णु सहस्त्रनाम में भगवान विष्णु के 1000 नामों के द्वारा भगवान विष्णु की उपासना की गयी हैं जो व्यक्ति को विभिन्न दोषों और पाप से मुक्त करती है। विष्णु सहस्रनाम संस्कृत में लिखा गया एक प्राचीन स्तोत्र है। विष्णु सहस्रनाम संस्कृत के विद्वान ऋषि वेदव्यास जी की एक कृति है, महाकाव्य महाभारत के एक भाग के रूप में विष्णु सहस्रनाम है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी के तिलक नगर स्थित बालाजी मंदिर में आंध्रा एसोसिएशन, रायपुर (Andhra Association, Raipur) के द्वारा दिनांक 17 से 21 दिसम्बर 2022 तक पंच दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जिसके अंतर्गत विष्णु सहस्त्रनाम पाठ (Sahastranam recitation of Lord Vishnu) का पाठ किया गया। कार्यक्रम के चलते धार्मिक पुरुष व महिलओं द्वारा विष्णु सहस्त्रनाम पाठ किया गया। कार्यक्रम में राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के दूसरे शहरों से भी लोग सम्मिलित हुए।
विष्णु सहस्त्रनाम पाठ का ऐसा कार्यक्रम पूरे भारत वर्ष में पहली बार आयोजित किया गया था। इतनी बड़ी संख्या में जाप को एक विश्व कीर्तिमान (World Record) के रूप में स्थापित करने के लिए आन्ध्र एसोसिएशन, रायपुर ने एक एप्लीकेशन गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) को भेजी, जिसमे उन्होंने जानकारी दी कि कार्यक्रम में विष्णु के नामों का पाठ 5 करोड़ की संख्या में किया जाना हैं। गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम के द्वारा सभी आंकड़ो को वेरीफाई किया गया, मौके पर मौजूद गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई जी के द्वारा कार्यक्रम का निरिक्षण करने के बाद रायपुर आंध्रा एसोसिएशन को वर्ल्ड रिकॉर्ड “Largest Feat of Reciting Names of Lord Vishnu” के शीर्षक का सर्टिफिकेट देकर अधिकारिक रूप से विश्व कीर्तिमान की घोषणा की, और साथ ही उन्होंने बताया की “ऐसे कार्य जो दुनिया में पहली बार हो, अद्भुत हो या बहुत बड़ी संख्या में हो एसी उपलब्धियों को GBWR में विश्व रिकॉर्ड (World Record) के रूप में दर्ज किया जाता हैं। इस आयोजन और विश्व रिकॉर्ड को लेकर आंध्रा एसोसिएशन के साथ तेलगू समाज के महिला एवं पुरूषों में काफी उत्साह और भक्ति का माहौल देखने को मिला।
आंध्रा एसोसिएशन रायपुर के संयुक्त सचिव श्री वाय. सी. राव ने कार्यक्रम की अधिक जानकारी देते हुए बताया की “जन कल्याण और मानव कल्याण की सद्भावना से ये 5 दिवसीय अनुष्ठान आयोजित किया गया, जिसमे प्रतिदिन लगभग 500 महिला व पुरुषों ने हिस्सा लिया। आयोजन में राजधानी रायपुर सहित भिलाई, बिलासपुर और देश के अन्य स्थान जैसे विशाखापत्तनम से भी श्रद्धलुओ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। भक्तो द्वारा प्रातः 8 बजे से रात्रि 8 तक भगवान विष्णु सहस्त्रनाम पाठ का जाप किया गया। कार्यक्रम के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम पाठ के माध्यम से 5 करोड़ से अधिक बार भगवान विष्णु का नामोच्चारण कर “Largest Feat of Reciting Names of Lord Vishnu” शीर्षक के साथ आंध्रा एसोसिएशन का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित कर दिया।
संस्था के श्री के. एस. आचार्युलू ने जानकारी साझा करते हुए बताया की “5 दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत 17 दिसम्बर 2022 को कलश यात्रा से की गयी और उसके पश्चात् विष्णु सहस्त्रनाम पाठ का आयोजन शुरू किया गया। जिसमे प्रदेश भर से आये भक्तजनों ने पूरी उर्जा, भक्तिभाव एवं पूर्ण श्रद्धा से विष्णु सहस्त्रनाम पाठ के आयोजन में भाग लिया”।
कार्यक्रम के दौरान आंध्रा एसोसिएशन, रायपुर के अध्यक्ष श्री जी. स्वामी द्वारा 5 दिन का मौन व्रत रखा गया। कार्यक्रम का समापन दिनांक 21 दिसम्बर 2022, बुधवार को 5 करोड़ से अधिक संख्या में भगवान विष्णु के नाम का पाठ निर्विघ्न रूप से संपन्न हुआ और साथ ही गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में “Largest Feat of Reciting Names of Lord Vishnu” शीर्षक के साथ दर्ज करवा कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया गया। संस्था के श्री टी. श्रीनिवासन रेड्डी, श्री पी. भास्कर पटनायक, श्री बी. वी. एस. राजकुमार, श्री के. जे. आर. कृष्णा पटनायक, श्री रमेश पटनायक, श्री बाबजी, श्रीनिवास राव, विजय कुमार सहित संस्था के अन्य सदस्यों के द्वारा कार्यक्रम निर्विघ्न रूप से संपन्न होने एवं वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होने पर हर्ष व्यक्त किया गया।