जब हमारे पास से तेज गति से चलती हुई कार गुजरती है तो एक बार मन में यही ख्याल आता है कि कोई अनुभवी चालक होगा। अधिक दूरी तक जब कहीं जाना होता है तो पुनः किसी अनुभवी चालक को ही याद किया जाता है। किसी दिव्यांग द्वारा दुनिया में सर्वाधिक दूरी तक कार चलाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के श्री जेवियर स्टीफन के नाम दर्ज था, जिन्होंने 20000 किलोमीटर कार चला कर यह विश्व रिकॉर्ड बनाया था। मई 2014 में 25000 किलोमीटर कार चलाकर पूर्व में दर्ज रिकॉर्ड को तोड़कर भिलाई स्टील प्लांट में कार्यरत एक कर्मचारी ने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book of World Records) में अपना नाम किसी दिव्यांग द्वारा एक देश विशेष में सर्वाधिक दूरी कार चलाकर तय करने (Longest Journey by Car by a Differently Abled Person in a Single Country) शीर्षक से दर्ज कराया तो प्रत्येक सुनने वाले को अच्छा लगा लेकिन जब उस रिकार्ड को बनाने वाले श्री लक्ष्मीकांत सिरके (Laxmi Kant Sirke) जी के बारे में यह पता चला कि उनके एक हाथ और एक पैर नहीं है तो सभी इसे सुनकर दंग रह गए।

14 दिसंबर 1961 में जन्मे, छत्तीसगढ़ निवासी श्री सिरके जी वर्ष 1980 से 1995 तक सेना में 36 मराठा मीडियम रेजीमेंट आर्टिलरी में सेवारत थे, वहां आपको बोफोर्स तोप चलाने में महारथ हासिल थी। सेना से रिटायर्ड होने के उपरांत आप भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के मर्चेंट मिल में टेक्नीशियन के पद पर सेवारत हो गए। जिंदगी की रेल अपनी पटरी पर अलमस्त चल ही रही थी कि एक दुर्घटना ने आपकी एवं परिवार की पूरी हालत को छिन्न-भिन्न करके रख दिया। हुआ यूं कि वर्ष 2011 में आप ट्रेन की चपेट में आ गए जिसके चलते आपका दांया हाथ और बांया पैर काट गया।

लगभग साल भर बिस्तर पर रहने के बाद धीरे-धीरे आपने पुनः अपने अंदर जज्बा पैदा किया एवं नौकरी के लिए आना जाना शुरू किया। कुछ दिनों बाद आपकी मुलाकात अपने जयपुर के एक मित्र से हुई जिनके दोनों पैर नहीं हैं तथा वह बैंक में प्रबंधक के पद पर सेवारत हैं। उन्होंने बताया कि वह कार चला कर ऑफिस आते हैं तो तुम भी कार चलाओ, और अपना कार जारी रखो। यहीं से शिर्के जी की कार चलाने की शुरुआत हुई है जो धीरे-धीरे आपका जुनून बन गया और अंततः आपने विश्व रिकॉर्ड बनाने का असाधारण कारनामा करके हजारों-हजार दिव्यांग जनों के प्रेरणा स्रोत बन गए।

कार चलाने की अनेक प्रतियोगिताओं में आप अक्सर हिस्सा लेते रहते हैं तथा आपको अनेक सम्मानों से नवाजा जाता रहता है। रायपुर में वर्ष 2019 में आयोजित विंटर फैमिली कार रैली में आपने विजेता का खिताब जीता। वर्ष 2021 में एक हाथ और एक पैर न होने के बावजूद 115000 किलोमीटर कार चलाकर आपने अपने ही विश्व रिकॉर्ड को तोड़कर असाधारण कीर्तिमान स्थापित किया है। आपके विशिष्ट योगदान को देखते हुए उम्मीद हेल्पलाइन फाउंडेशन, उदयपुर (Ummeed Helpline Foundation, Udaipur) द्वारा दिव्यांग रत्न अवार्ड (Divyang Ratna Award) प्रदान किया गया है। असाधारण आत्मविश्वास के धनी श्री शिर्के जी ने हाल ही में नई कार ली है एवं एक नए जोश और उमंग के साथ जीवन के सफर में आगे बढ़ने को तत्पर है।