6 जून 2020 का दिन दिल्ली प्रादेशिक माहेश्वरी महिला संगठन (Delhi Pradeshik Maheshwari Mahila Sanghthan) के लिए अत्यंत ही खुशी का पैग़ाम लेकर आया क्योंकि कोरोना के दौरान महिलाओं का हौसला बढ़ाने एवं उनके कौशल विकास के लिए चलाई गई दो महीनों की ऑनलाइन वर्कशॉप, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में दर्ज होने में कामयाब रही।

दिल्ली प्रादेशिक माहेश्वरी महिला संगठन की अध्यक्षा श्रीमती श्यामा भाँगड़िया जी ने बतलाया कि भीषण महामारी कोरोना से संघर्ष करते परिवार की देखरेख करते हुये व घर के सभी कार्यो को करते हुये महिलाओं के लिए दोहरी एवं अत्यंत ही ज़िम्मेदारी वाली भूमिका थी इसलिए अपने संगठन से जुड़ी महिलाओं को मानसिक रूप से सशक्त करने के उद्देश्य से हमने ज़ूम एप (Zoom app) पर कार्यशाला चलाने की योजना बनायी। दिल्ली प्रदेश में 30 मार्च 2020 को प्रथम कार्यशाला का शुभारंभ हुआ जिसका उद्देश्य था कि महिलाए अपने लिए थोड़ा समय निकालकर कुछ नया अनुभव प्राप्त कर सकें एवं इस कोरोना नामक बीमारी के भय से कुछ समय के लिए बाहर हो सकें और आज प्राप्त हुए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के सर्टिफिकेट ने यह साबित कर दिया कि हमारा यह प्रयास बहुत ही सार्थक एवं सफल रहा।

श्रीमती श्यामा भाँगड़िया जी के अनुसार उन्हें विश्व रिकॉर्ड बनाने की प्रेरणा संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा दीदी व महामंत्री मंजू दीदी से मिली जिन्होंने एक दिन में 1000 बहनों की ऑनलाइन मीटिंग कर ‘largest online executive committee meeting of women’ विश्व रिकार्ड बनाया था। संगठन की श्रीमती लक्ष्मी बाहेती जी ने कहा कि हम भी पिछले दो महीने से संगठन की बहनो के लिए निःशुल्क ऑनलाइन कार्यशाला चला रहे है क्यों नही हम अपने इस कार्य को विश्व रिकॉर्ड के लिए एप्लाई करें, क्योंकि महिलाओं द्वारा आयोजित सिर्फ महिलाओं के लिए की जाने वाली ये दुनिया की पहली वर्कशॉप है। संगठन की राष्ट्रीय निवर्तमान अध्यक्ष कल्पना दीदी, नीलम जी व कांता जी ने भी इंटरनेट में सर्च करके देखा और पाया की यह वर्कशॉप वास्तव में अभूतपूर्व है एवं दुनिया में पहली बार आयोजित की गई है। इसके बाद सभी प्रमाणों के साथ विधिवत इसे GBWR में एप्लाई किया गया।

श्रीमती पूनम तोषनीवाल जी ने बताया कि एक-दो दिन के लिए शुरू होने वाला यह मनोरंजन, शिक्षा एवं सीखने-सीखने का सफर प्रतिदिन करते-करते दो महीने यानी 31 मई तक चला। वर्कशॉप शुरु होने के एक सप्ताह बाद से ही यह स्थिति हो गई थी कि सभी महिलाओं को प्रतिदिन शाम 5 बजे का इंतजार होता था कि कब क्लास का समय आए एवं यह उत्सुकता होती थी कि आज कौन सी क्लास होगी और क्या नया होगा। इस भयानक बीमारी को भूलकर नया सीखने की इच्छा, रोज तैयार होने का मन एवं दो घण्टे अपनी सखियों से रूबरू हो कुशलक्षेम पूछना सभी महिलाओं में नई ऊर्जा का संचार करता गया और संगठन द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन वर्कशॉप का मकसद भी सिर्फ यही था ‘इस कठिन समय में सभी को एक-दूसरे से दूरी बनाकर भी जोड़े रखना’।

श्रीमती प्रभा जाजू जी ने कार्यशाला के बारे में प्रकाश डालते हुए बतलाया कि इस ऑनलाइन कार्यशाला की शुरूवात स्वास्थ्य से करते हुए प्रथम सप्ताह डॉक्टर के साथ चर्चाएं की गई, जिसमे चर्चा के लिए बड़े बड़े डॉक्टर्स को आमंत्रित किया साथ ही भजन कीर्तन के माध्यम से भगवान से सभी के लिए प्रार्थना भी की गई। इसके बाद सभी महिलाओं ने कभी ऑनलाइन तंबोला व ट्रेज़र हंट खेलकर अपना मनोरंजन किया तो कभी नई-नई किचन रेसिपी सीखकर-सिखाकर घर मे रेस्टोरेंट की तरह खाना बनाकर पूरे परिवार की वाह-वाही लूटी। वर्कशॉप में आमंत्रित अच्छे वक्ताओं से यह भी सीखने को मिला कि पूरे परिवार के साथ किस प्रकार सामंजस्य बिठाकर खुशीपूर्वक रहे, अपने घर को और भी सुंदर कैसे सजाएं इसके अतिरिक्त और भी बहुत प्रकार की कक्षाओं के आनंद लिया। इस वर्कशॉप के कारण सभी वक्ताओं एवं टीचर्स को समाज से एक नया प्लेटफॉर्म भी मिला।

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि द्वारा ‘first online menage management workshop for woman’ शीर्षक के साथ रिकॉर्ड के कन्फर्मेशन के बाद श्रीमती भांगरिया जी के कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि ये वर्ल्ड रिकॉर्ड हमें सिर्फ और सिर्फ हमारी प्रदेश की बहनों की वजह से मिला है, जिन्होंने इतनी संख्या में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आकर अपना कीमती समय दिया और सदैव हमारा मनोबल बढ़ाया।