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- “अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं हैं, जितना की सीखने की इच्छा ना रखना।”
- शब्दों का वजन तो बोलने वाले के भाव पर आधारित है। एक शब्द मन को दुःखी कर जाता है, और दूसरा शब्द मन को खुश कर जाता है, क्योंकि हमारी वाणी ही हमारे व्यक्तित्व और आचरण का परिचय कराती है।
- कल एक बात सीखी रंगों से,अगर निखरना है तो बिखरना जरूरी है l जीवन में सुख,आनंद मिले तो शुक्र करो, ना मिले तो सब्र करो।
ज्ञान की बारिश जहाँ भी हो रही हो भीगते रहिए। हर शख्स कुछ न कुछ सिखाता है बस सीखते रहिए।