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- चलते रहे कदम तो। किनारा जरुर मिलेगा।। अन्धकार से लड़ते रहे। सवेरा जरुर खिलेगा। जब ठान लिया मंजिल पर जाना। तो रास्ता जरुर मिलेगा। ऐ राही ना थक, चलता चल। एक दिन समय जरुर फिरेगा।
- रिश्ते, दोस्ती और स्नेह हर एक के मुक़द्दर में होते हैं, पर यह रुकते उन्हीं के पास हैं, जहाँ इनकी कदर होती है।
- कोई भी इंसान हमारा दोस्त या दुश्मन बनकर इस दुनिया में नही आता हमारा व्यवहार और बोलने का तरीका ही लोगो को दोस्त और दुश्मन बनाते हैं।
जो चाहा वह मिल जाना सफलता है। जो मिला है उसको चाहना प्रसन्नता है।