स्वास्थ्य मनुष्य का अमूल्य धन होता है,एक स्वस्थ व्यक्ति मेहनत करके सफलता के शिखर को छू सकता है। परंतु स्वास्थ्य बिगड़ जाने पर व्यक्ति अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग नहीं कर पाता, ऐसी स्थिति में हमें डॉक्टर की मदद लेनी पड़ती है। डॉक्टर का जीवन सेवा और साधना का होता है। दैनिक जीवन में हमें अक्सर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो हमारे समझ से परे होता है, हमें इन समस्याओं को समझने और ठीक होने के लिए डॉक्टर की शरण लेनी पड़ती है। डॉक्टर मनुष्य को जीवनदान देकर उस पर उपकार करते हैं। डॉक्टर का कार्य पवित्र, मानवीय संवेदनाओं से युक्त, प्राणरक्षा की दृष्टि से ईश्वर के बाद दूसरा अथवा ईश्वर के समान है। इसप्रकार डॉक्टर को धरती पर भगवान माना जाना नितांत उपयुक्त है, क्योंकि भगवान के बाद डॉक्टर ही किसी भी व्यक्ति की जीवन रक्षा करते हैं और जिंदगी के प्रति उम्मीद जगाते हैं। डॉक्टर न सिर्फ मनुष्य के जन्म होने में मदद करते हैं बल्कि वह किसी व्यक्ति को मृत्यु से भी बचाते हैं।
चिकित्सा की अनेक पद्धतियां हैं उनमें से एक महत्वपूर्ण पद्धति है, होमियोपैथी (Homeopathy)। होमियोपैथी रोग को स्थाई तौर पर दूर करनेवाली प्रभावी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है, यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। होमियोपैथी विज्ञान कि वह शाखा है जिसका सम्बन्ध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर मुक्त करने अथवा उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है।
गुजरात के बोटड (Botad, Gujarat) के रहने वाले होमियोपैथी पद्धति के एक प्रख्यात चिकित्सक डॉ. जिग्नेश हड़ियाल जी (Dr. Jignesh Hadiyal) के जीवन का उद्देश्य है, अधिकाधिक लोगों को स्वस्थ करना, वह भी बिना किसी भागमभाग एवं अत्यधिक खर्च के। 21 फरवरी 1990 को जन्मे श्री डॉ. जिग्नेश हड़ीयाल जी चिकित्सा की पढ़ाई के समय ली गई शपथ पर सौ प्रतिशत खरा उतरते हुए, गरीबों और बेसहारा लोगों के इलाज को प्राथमिकता में रखते हुए जुट गए तथा समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को आप कभी नहीं भूलते। होमियोपैथी पद्धति से आप जटिलतम बीमारियों का इलाज कर लोगों को आप ना केवल स्वस्थ कर देते हैं बल्कि होमियोपैथी दवा के धीरे-धीरे कार्य करने के मिथ को भी तोड़ देते है। समय के साथ आपकी योग्यता से लोग परिचित होने लगे एवं आपकी ख्यात काफी दूर-दूर तक प्रसारित होने लगी। किसी भी स्तर की पथरी (stone) का इलाज आप होमियोपैथी दवाओं से करके मरीज को स्वस्थ कर देते हैं, जिन्हें सामान्य तौर पर एलोपैथी प्रणाली में ऑपरेशन से ही ठीक किया जाता है। इस तरह आपने काफी बड़ी संख्या में लोगों का इलाज किया है।
एक बार आपने पथरी का होमियोपैथी पद्धति से इलाज कर वर्ल्ड रिकॉर्ड (World Record) बनाने की खबर अखबार में पढ़ी। उसी समय आपको अपने एव मैरिज का ख्याल आया जिसकी बड़ी पथरी आपने निकाली थी। इस मरीज की सभी मेडिकल रिपोर्ट को पुनः अध्ययन करके वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रसिद्ध संस्था गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) के कार्यालय से संपर्क किया तथा समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर आवेदन किया।
23 दिसम्बर, 2015 को लार्जेस्ट यूरीटेरिक स्टोन रीमूव्ड विदाउट सर्जरी (Largest Ureteric Stone Removed Without Surgery) शीर्षक से गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आपका नाम दर्ज किया गया, जिसमे 20 मिलीमीटर लंबाई तथा 9.5 चौड़ाई मिलीमीटर आकार की पथरी (stone) को आपने बिना ऑपरेशन के मात्र होमियोपैथी दवाओं के द्वारा निकालकर मरीज को स्वस्थ्य कर असाधारण कार्य किया था। इसी रिकॉर्ड को आपने 14 नवंबर 2017 को 21.3 मिलीमीटर आकार की पथरी को बिना ऑपरेशन के सिर्फ दवाओं के द्वारा निकालकर अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ भी दिया। 18 जून 2018 में लार्जेस्ट रीनल कैलकुलस रीमूव्ड विदाउट सर्जरी (Largest Renal Calculus Removed Without Surgery) शीर्षक से आपका नाम पुनः GBWR में दर्ज हुआ इसमें आपने गुर्दे से 22 मिलीमीटर आकार की पथरी को होमियोपैथी दवाओं के द्वारा निकाला था। इसी प्रकार वर्ष 2019 में 4 मिलीमीटर आकार की पथरी को होमियोपैथी दवाओं के द्वारा बिना सर्जरी के तीन महीने और सात दिन में गुर्दे से निकालकर, फास्टेस्ट रेमेडियल ट्रीटमेंट ऑफ़ रीनल स्टोन विथाउट सर्जरी (Fastest Remedial Treatment of Renal Stone without Surgery) शीर्षक से रिकॉर्ड दर्ज किया जबकि बच्चे की उम्र केवल 2 वर्ष की थी। वर्ष 2019 में ही, 4.5 मिलीमीटर आकार की पथरी को होमियोपैथी दवाओं के द्वारा बिना सर्जरी के मात्र 16 दिन में यूरेटर से निकालकर, फास्टेस्ट रेमेडियल ट्रीटमेंट ऑफ़ युरेटेरल स्टोन विथाउट सर्जरी (Fastest Remedial Treatment of Ureteral Stone without Surgery) शीर्षक से एक नया रिकॉर्ड भी दर्ज किया, जिसका इलाज आपने किया उसकी उम्र केवल 4 वर्ष की थी। इस प्रकार आप शरीर के किसी भाग में स्थित पथरी को जो कितनी बड़ी क्यो ना हो उसे बहुत कम समय में ही निकाल देने के लिए विख्यात हो गए। इस प्रकार होमियोपैथिक चिकित्सा द्वारा अनेक असाधारण कार्य करके, आज आप गुजरात का ही नहीं पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।
चिकित्सा के अलावा अन्य अनेक सामाजिक कार्य भी प्रायः आप द्वारा किए जाते रहते हैं, जैसे गरीब बच्चों की पढ़ाई लिखाई हो अथवा निर्धनों का इलाज, आप अपने स्तर से सदैव करते रहते हैं। पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण तथा अति व्यस्त होते हुए भी समय निकाल कर छात्रों को निःशुल्क पढ़ाना जैसे अनेक कार्य आपके द्वारा किए जाते हैं। कोराना की वैश्विक आपदा (Corona pandamic) में आप ने 15000 से भी अधिक लोगों को निःशुल्क रोग प्रतिरोधक दवा (immunity booster) प्रदान कर सेवा करने का बेमिसाल उदाहरण प्रस्तुत किया है। आपको विभिन्न प्रकार के अवॉर्ड से नवाजा गया है तथा आज आपकी गणना अत्यंत सम्मानित व्यक्तियों में की जाती है।