अपने शुरुआती दिनों में एक लड़का जिसे पढ़ने में अच्छा छात्र नहीं कहा जा सकता था जितनी परीक्षाएं देता सभी में फेल होता था पढ़ाई के समय जो याद करता वह परीक्षा के दौरान याद न रहता, लेकिन वही हाईस्कूल की उम्र में पहुंचते-पहुंचते किसी भी विषय को याद करने के ऐसे तरीके खोज निकालता है कि वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लेता है, एक ,नहीं, दो दो बार ।इस असाधारण बदलाव को कर दिखाने वाले व्यक्तित्व का नाम है स्वास्तिक गर्ग ।मूलतः सोलन, हिमाचल प्रदेश निवासी लेकिन वर्तमान में बिलासपुर ,हिमाचल प्रदेश में रहने वाले डॉक्टर दंपति डॉक्टर श्री प्रवीण शर्मा जी एवं श्रीमती संदीपा शर्मा जी के आंगन में 6 अगस्त 2000 को जन्मे स्वास्तिक गर्ग (Swastik Garg) का प्रारंभिक दिनों में पढ़ने लिखने में अधिक मन नहीं लगता था। फलतः माता पिता ने सोचा कि बेटा नवोदय स्कूल, आर्मी स्कूल आदी में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर लेता तो वहां प्रवेश करा देते हैं, जिससे पढ़ाई ठीक हो जाती। लेकिन सभी प्रवेश परीक्षाओं में में स्वस्तिक फेल होते रहे ,जबकि आपकी बहन पढ़ाई में सदैव अव्वल आती रही। फिर भी स्वास्तिक के ऊपर इन बातों का कोई असर नहीं पड़ता था। कक्षा 9 में पढ़ाई के दौरान कोटा की प्रसिद्ध संस्था एलन इंस्टिट्यूट में प्रवेश के लिए स्वास्तिक ने परीक्षा दी लेकिन बहुत खराब नंबर आया, किंतु मुख्य बात यह हुई कि सदैव टॉप करने वाली आपकी बहन की रैंक आपसे भी खराब आई। इस घटना ने आपके मन पर जबरदस्त असर डाला कि मेहनत करके वह भी कुछ कर सकते हैं। यहीं से स्वास्तिक के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आता है और खूब पढ़ाई करना प्रारंभ कर देते हैं ।अगले साल स्वास्तिक ने पुणे इंस्टीट्यूट में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा दी और पूरे प्रांत में सर्वश्रेष्ठ रैंक हासिल की। आप अत्यधिक पढ़ाई तो करने ही लगे साथ ही याददाश्त को बढ़ाने के लिए नित नूतन तरीके खोज कर उन पर मेहनत भी करने लगे एवं आपको आशातीत सफलता मिलने लगी ।कक्षा 9 से 12 तक आपको इस शर्त पर स्कूल जाने से छूट मिली थी कि हर वर्ष कोई बड़ी उपलब्धि प्राप्त करनी होगी। याददाश्त को बढ़ाने के लिए आपने बेहतरीन खोजें की जिनके प्रयोग से आपको अनेक परीक्षा में बड़ी बड़ी सफलताएं मिलने लगी। इसी से प्रेरित होकर आपने दसवीं कक्षा के दौरान राइटिंग फास्टेस्ट लिटिल का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया । जिससे स्कूल में आप की खूब प्रशंसा हुई तथा महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा भी आमंत्रित करके सम्मानित किया गया। आपको अनेक प्रसिद्ध संस्थाओं में पढ़ाने हेतु आमंत्रण आने लगे, जहां आप छात्रों को पढ़ाये तथा अनेक छात्रों ने बेहतरीन सफलता भी प्राप्त की। अपनी सफलता से उत्साहित होते हुए आपने अपना वर्ल्ड रिकॉर्ड, विख्यत संस्था, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने को सोचा, इस सिलसिले में आपने गोल्डन बुक आफ वार्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) के कार्यालय से संपर्क किया तथा आवेदन पत्र प्रेषित किया । गहन जांचोपरांत वर्ष 2017 में आपका नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया । इस गौरवमयी उपलब्धि पर चारों ओर खूब प्रशंसा हुई तथा आपकी योजीटा के सभी कायल हो गए। सायकोलॉजी के क्षेत्र में कुछ खास करने की विचारधारा के चलते आप वर्तमान में अत्यंत प्रतिष्ठित संस्था ,क्राइस्ट विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रहे हैं ।श्री स्वास्तिक गर्ग जी का सपना है कि याददाश्त बढ़ाने की दिशा में अभी और खोजें करना है ताकि छात्रों को इससे लाभ मिल सके।