प्रभु श्री राम जी की पावन धरा अयोध्या (Ayodhya) धाम में एक से बढ़कर एक त्यागी, तपस्वी, ज्ञानी, संत महात्म्य जनों का अवतरण हुआ है, जिनकी कीर्ति पताका, यशगाथा अनंत काल तक गाती जाती रहेगी। अयोध्या धाम का प्रताप ही है कि इस मिट्टी में अभी भी प्रत्येक क्षेत्र की प्रतिभाओं का तथा मानवीय संवेदना से निष्ठ शख्सियतों का अवतरण होता रहता है। ऐसी ही एक सख्शियत है श्री हरिओम तिवारी जी ( Mr. Hariom Tiwari)
वर्ष 2009 में हरिओम तिवारी जी ने विद्युत अर्थिंग इलेक्ट्रोड (Electric Earthling Electrode) बनाने का काम बहुत ही छोटे स्तर पर शुरू किया एवं ट्रू पावर अर्थिंग प्राइवेट लिमिटेड (True Power Earthing Private Limited) नाम से एक कंपनी की नींव रखी और स्वयं साइकिल लेकर गली-गली इसकी मार्केटिंग करने लगे। ट्रू पावर अर्थिंग प्राइवेट लिमिटेड नामक अपनी इस कंपनी को आप वैसे ही अभिसंचित करने लगे जैसे एक माली उद्यान में लगे पौधों की करता है। अखंड मेहनत, कर्मठता एवं ईमानदारी के साथ आप कर्तव्यपथ पर लगे रहे और चलते रहे अपने सपनों की मंजिल की तरफ। धीरे-धीरे आपके कार्यों की, आपके कंपनी के उत्पादों की मांग में तेजी से इजाफा होता चला गया। आपके उत्पादों की सरकारी एवं गैर सरकारी क्षेत्रों में खूब मांग होने लगी बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे वोडाफोन, भारती, मारुति, जेसीबी, जिंदल स्टील पावर लिमिटेड, जेपी सीमेंट एवं वीडियोकॉन जैसी अनेक कंपनियों द्वारा आपके प्रोडक्ट खूब मांग होने लगी।
अयोध्या जनपद के दक्षिणी छोर पर मिल्कीपुर तहसील के एक छोटे से गाँव के निवासी सेना में सेवारत रहे श्री राजेश तिवारी जी की जीवन संगिनी श्रीमती सुनीता तिवारी जी की गोद में 1987 में 29 अक्टूबर को श्री हरिओम तिवारी जी का जन्म हुआ। पुणे स्थित एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान से आपने बीटेक (B Tech) की डिग्री पूर्ण होने के उपरांत लखनऊ आकर एक कंपनी में नौकरी करना प्रारंभ किया। नौकरी तो आप करने लगे लेकिन मन में सदैव एक उथल-पुथल चलती रहती थी सुकून नहीं मिल रहा था उसका कारण यह कि बचपन से ही मन में यह भावना पुष्पित-पल्लवित हो रही थी कि अधिकाधिक लोगों की मदद कर सकूं, कुछ ऐसा करू कि अधिकाधिक लोगों को रोजगार से जोड़ सकूं।
आपने लोगों का भरोसा जीतते हुए एवम् सभी की अपेक्षाओं पर पूर्णतया खरा उतरते हुए एक मिसाल प्रस्तुत की। इन सब का नतीजा यह रहा कि कुछ ही वर्षों में ट्रू पावर अर्थिंग प्राइवेट लिमिटेड एक जाना माना नाम हो गई और उसमें सैकड़ों लोगों को रोजगार प्राप्त कर शान से जीने का प्लेटफार्म मिला। वही हरिओम तिवारी जी जो कभी अपने प्रोडक्ट को साइकिल पर लेकर गली-गली घूमते थे अब अपनी योग्यता, कर्मठता एवं विश्वसनीयता के बूते पर आज देश के अनेक प्रांतों में अपनी पहचान बना चुके हैं। आपके कंपनी की साख अनेक प्रांतों में स्थापित हुई है तथा वहां भी आपके उत्पादों की अत्यधिक मांग है। ट्रू पावर अर्थिंग प्राइवेट लिमिटेड आज उद्योग जगत में अपनी स्पष्ट पहचान बना चुकी है और इसके मुख्य प्रबंध निदेशक (CEO) के रूप में आप लोगों के बीच में एक मिसाल, प्रेरणा स्तंभ की तरह युवा जगत को और उर्जांवित कर रहे हैं।
भारतीय अर्थतंत्र के पितामह परम श्रद्धेय रतन टाटा जी कहते हैं कि किसी भी व्यवसाय या उद्योग का मुख्य लक्ष्य ‘मानव कल्याण’ होना चाहिए इस मंत्र को गांठ बांधकर अपना आदर्श वाक्य मानने वाले श्री हरिओम तिवारी जी मानव कल्याण को ही अपने जीवन का सर्वोच्च ध्येय मानते हैं तथा इस पर सौ फ़ीसदी चलने का प्रयास करते हैं। समाज के किसी भी पक्ष को आप कभी नजर अंदाज नहीं होने देते तथा जब भी किसी बेकस, मजलूम, असहाय, निर्धन पर आपकी नजर पड़ती है अथवा उसके बारे में जानकारी होती है तत्काल उसकी हर संभव मदद करते हैं। किसी की मदद करना ही आपने अपने जीवन का सर्वोच्च मानक मान लिया है। कोरोना की आपदा के दौरान एक तरफ जहां पर हर छोटी-बड़ी कंपनियों में लोगों की छटनी हो रही थी इसके विपरीत आप इस संकट में लोगों को अपनी कंपनियों में नौकरी पर रख रहे थे। इस प्रकार एक-एक जरूरतमंद को खोज कर उसकी मदद करना, बिना किसी दिखावा एवं प्रचार-प्रसार के आपके जीवन का बेमिसाल तरीका है तथा आप अपने इस पथ पर सतत एक संत की तरह अग्रसर हैं।