प्लास्टिक की प्रयोग होकर भी फेंकी जा चुकी बोतलों की कैप का भी क्या कोई सार्थक उपयोग हो सकता है ऐसी बातों पर सामान्य तौर पर ध्यान नहीं दिया जाता है। मध्य प्रदेश राज्य के देवास के रहने वाले 23 वर्षीय श्री आनंद परमार (Anand Parmar) नामक एक आर्टिस्ट ने उपयोग होकर फेंकी जा चुकी प्लास्टिक की बोतलों की कैप को एकत्रित कर आर्ट जगत में नया प्रयोग करते हुए कला प्रेमियों को अचंभित कर दिया। दरअसल श्री आनंद जी को आर्ट का गुण पिता श्री राजेश परमार से खून में मिला आपके पिताजी भी एक कमर्शियल आर्टिस्ट हैं ।पिताजी के नक्शे कदम पर चलते हुए श्री आनंद जी ने भी बचपन से ही इसी क्षेत्र में अपने को तराशना प्रारंभ कर दिया। शुरुआत में छोटे-मोटे कार्य करना तथा फोटोग्राफी करने तक ही आनंद जी का काम सीमित था आगे चलकर पढ़ाई करते हुए आनंद के मन मस्तिष्क में कला के क्षेत्र में कुछ नया करने की ललक जागृत हुए,अब वह सदैव इसी उधेड़बुन में रहने लगे कि क्या किया जाए और कैसे किया जाए ।कॉलेज की पढ़ाई के दौरान आपने देखा कि प्लास्टिक का उपयोग वातावरण के लिए प्रत्येक कोण से खतरनाक होता है तथा इस दिशा में शासन-प्रशासन, पर्यावरणविद ,वैज्ञानिकों द्वारा काफी कार्य किया जा रहा है और यह भी प्रयास हो रहा है कि कैसे प्लास्टिक के प्रयोग को समाप्त किया जाए ।आपके दिमाग में यह बात बैठ गई ,फिर आप तो ठहरे कलाकार अब आप ने तय किया कि इसी प्लास्टिक को ही अपनी कला का माध्यम बनाएंगे तथा इसी के माध्यम से इसके उपयोग ना किए जाने हेतु जनमानस को भी जागृत करेंगे। आपने प्लास्टिक की बोतलों डेढ़ लाख एकत्रित कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का चित्र बनाना प्रारंभ किया। आपका यह अद्भुत चित्र 1500 में फिट बनकर जब तैयार हुआ तो जो देखता वही दंग। आपकी इस असाधारण कलाकारी एवं साधना को नवंबर 2019 में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में भी दर्ज किया गया ।आज श्री आनंद परमार जी युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा पुंज बनकर उभरे हैं तथा नवोदित कलाकारों का मार्गदर्शन भी कर रहे हैं।