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- बल और शक्ति की आज्ञा टालना आसान है मगर प्यार की आज्ञा टालना आसान नहीं हैं। लक्ष्य अगर सर्वोपरि है तो फिर आलोचना तारीफ विवेचना कुछ मायने नहीं रखती है l
- जरुरत से ज्यादा मिले उसको कहते हैं नसीब भगवान का दिया सब कुछ हैं फिर भी रोता है उसको कहते हैं बदनसीब और जिंदगी में कम पाकर भी हमेशा खुश रहता है उसको कहते हैं खुशनसीब
- वही रहिए जो आप हैं, और वो कहिए जो आप महसूस करते हैं क्योंकि जो बुरा मानते हैं मायने नहीं रखते, और जो मायने रखते हैं वो बुरा नहीं मानते।