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इंसान हमेशा अपने भाग्य को कोसता है,यह जानते हुए भी कि भाग्य से ऊंचा उसका कर्म है, जो उसके स्वयं के हाथों में है!
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अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं अकेले हम कागज हैं, मिल जाएं तो किताब हैं जीवन का आनंद मिलजुल कर रहने में है खुश रहो खुशिया बाँटते रहो।
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आप जिंदगी बिताने नहीं आए, जीवन जीने के लिए आए हैं। नफरत करके किसी की अहमियत बढ़ाने से ज्यादा अच्छा है उसे माफ कर दो। हर कोई चंदन तो नही कि जीवन सुगन्धित कर सके, कुछ नीम के पेड़ भी होते हैं जो सुगन्धित तो नही करते पर काम बहुत आते है।
दुनिया में दान जैसी कोई सम्पत्ति नहीं, लालच जैसा कोई और रोग नहीं, अच्छे स्वभाव जैसा कोई आभूषण नही, और संतोष जैसा और कोई सुख नहीं।