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परिस्थितियों के अनुसार सब चीज सुंदर हैं। जो स्कूल की घंटी सुबह के समय बेकार लगती है, वही छुट्टी के समय बहुत अच्छी लगती है।
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"सवेरा तो रोज ही होता है परन्तु शुभप्रभात क्या होता है?" "जीवन में जिस दिन आप अपने अंदर की बुराईयो को समाप्त कर उच्च विचार तथा अपनी आत्मा को शुद्ध कर दिन की शुरुआत करते हो वही दिन शुभप्रभात होता है"।
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जब हम नादान थे तो जिंदगी के मजे लेते थे, समझदार हुए अब तो ये जिंदगी हमारे मजे ले रही है।
दुःख और तकलीफ़ “भगवान” की बनाई गई वह प्रयोगशाला है। जहाँ आपकी काबिलियत और आत्मविश्वास को परखा जाता है।