संगीत प्राचीन काल से ही भारत में काफी लोकप्रिय है, इसे काफी समय से सुना तथा पसंद किया जाता है। इस संगीत का प्रारंभ वैदिक काल से भी पूर्व का है। इस संगीत का मूल स्रोत वेदों को माना जाता है। हिंदु परंपरा मे ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मा ने नारद मुनि को संगीत वरदान में दिया था। आज भारतीय संगीत दुनिया भर में काफी प्रसिद्ध है, यह शांति और सुकून प्रदान करने वाला है। भारतीय संगीत इतिहास में ऐसे महान कलाकारों का वर्णन है, जो अपने संगीत द्वारा पेड़-पौधों और प्रकृति को भी मंत्रमुग्ध कर देते थे।

हिंदी फिल्म संगीत में आर. डी. बर्मन जी (R. D. Burman) जो पंचम दा के नाम से भी जाने जाते है एक ऐसा नाम है जिन्होंने हिंदुस्तानी संगीत के साथ पाश्चात्य संगीत का एक ऐसा कॉकटेल तैयार किया था, जिसपर सत्तर के दशक में पूरा देश झूमने को मजबूर हो गया था। हिंदी फिल्म संगीत में उनका यह एक प्रयोग ही था जिसके तहत उन्होंने न केवल संगीत की धुनों में क्रांतिकारी परिवर्तन किया बल्कि संगीत के बोल और स्वर को भी नए जमाने के साथ ढाल दिया था। वे संगीत में प्रयोग के हिमायती थे, यही वजह है कि अपने जीवनकाल में उन्होंने न केवल हिंदी सिनेमा को बल्कि बंगाली, तमिल, तेलगु और मराठी सिनेमा को भी हर प्रकार के सुरों से संवारा है। संगीत के क्षेत्र में अद्भुत योगदान के कारण ही इन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में एक माना जाता है।

जिस तरह श्रेष्ठ संगीतकार होते हे, उसी प्रकार कुछ संगीत प्रेमी भी ऐसे होते है, जो उन संगीतकारो को श्रेष्ठ बनाते है। उनका संगीत और संगीतकार के प्रति प्रेम कभी-कभी उनसे ऐसे करनामें भी करवा देता है जिससे वह अपना नाम और अपने प्रिय संगीतकार का नाम स्वर्णीम अक्षरों में अंकित कर देते हैं। ऐसे ही कलाप्रेमी है श्री पुष्पेन्द्र सिंह वाधवा जी (Mr. Pushpendra Singh Wadhwa) जो उज्जैन, मध्य प्रदेश के रहने वाले है। MBA तक शिक्षित पुष्पेन्द्र जी पेशे से एक फार्मास्युटिकल कंपनी में रीजनल सेल्स मेनेजर है, पर भारतीय संगीत के प्रति उनका लगाव अनूठा है। पुष्पेन्द्र जी को बचपन से ही गीतों के संग्रहण का शौक था। उन्होंने आर. डी. बर्मन उर्फ पंचम दा के सबसे ज्यादा संगीतबद्ध गीतों का कलेक्शन किया जो की संख्या में कुल 2072 ( दो हज़ार बहत्तर) हैं। इतनी संख्या में गीतों का कलेक्शन करने पर उन्होंने गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) से संपर्क कर जानकारी साझा करते हुए दावा पेश किया कि ऐसा गीतों का कलेक्शन जो उन्होंने किया हे एक अनूठा कार्य हैं अथवा इसे एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में लिया जाये इसके बाद गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (golden book of world records) की टीम ने एप्लीकेशन को एक्सेप्ट करते हुए रिकॉर्ड की जाँच की जिसमे उन्होंने पाया की संगीतकार आर. डी. बर्मन का इतना बड़ा कलेक्शन दुनिया में किसी के पास नहीं है। जिसके पश्च्यात दिनांक 1 फ़रवरी 2023 को “Largest Collection of Songs by Maestro R. D. Burman” शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (https://goldenbookofworldrecords.com/archives/17691) के द्वारा दिया गया और उनके इस कलेक्शन को एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में संरक्षित करते हुए प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।

पुष्पेन्द्र जी के पास भारतीय पार्श्व गायक स्व. श्री किशोर कुमार जी (Kishore Kumar) के सबसे ज्यादा गीतों को संग्रहण करने का भी रिकॉर्ड हैं। गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) से उन्हें वर्ष 2014 में किशोर कुमार के सबसे ज्यादा कुल 2804 के संग्रहण का विश्व रिकॉर्ड (https://goldenbookofworldrecords.com/archives/1360) प्राप्त हैं।

संगीत के क्षेत्र में कलेक्शन के दो विश्व कीर्तिमान बनाकर आज भी पुष्पेंद्र जी कुछ नया और बड़ा करने का सपना देखते हुए अपना कलेक्शन बढ़ा रहे है।