Related Posts
-
"वाणी" और "पानी" दोनों में ही "छवि" नज़र आती है "पानी" स्वच्छ हो तो "चित्र" नज़र आता है "वाणी" मधुर हो तो "चरित्र" नज़र आता है।
-
जो मुझे आता है वो मैं कर लूँगा, जो मुझे नहीं आता वो मैं सीख लूँगा, जीवन में सफलता का यही मूल मंत्र है।
-
कर्मों की आवाज़ शब्दों से भी ऊँची होती है I यह आवश्यक नहीं कि हर लड़ाई जीती ही जाए I आवश्यक तो यह है कि हर हार से कुछ सीखा जाए तब तक कमाओ। जब तक "महंगी" चीज "सस्ती" ना लगने लगे, चाहे वो सामान हो या सम्मान।
कल्पनाएं मधुर होती हैं पर उनके सहारे जिया नही जा सकता। वास्तविकताएं कड़वी होती हैं पर उनके बिना जिया नही जा सकता।