यदि आप के चंद मीठे बोल से किसी का रक्त बढ़ाता है तो यह भी “रक्तदान” है।  यदि आप के द्वारा किसी की पीठ थपथपाने से उसकी थकावट दूर होती है तो यह “श्रम दान” है। यदि आप कुछ भी खाते समय उतना ही प्लेट में लेते हैं कि कुछ भी व्यर्थ ना जाए तो यह “अन्न दान” है।