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- अकेले हों तब विचारों पर नियंत्रण रखें, दोस्तों मे हों तब वाणी पर नियंत्रण रखें, गुस्से मे हों तब फैसलों पर नियंत्रण रखें, समूह मे हों तब व्यवहार पर नियंत्रण रखे, जब कोई प्रसंशा करे तब घमंड पर नियंत्रण रखे,एवं जब कोई बुरा बोले तब भावनाओं पर नियंत्रण रखें।
- रिश्ते, दोस्ती और स्नेह हर एक के मुक़द्दर में होते हैं, पर यह रुकते उन्हीं के पास हैं, जहाँ इनकी कदर होती है।
- सच्चे व्यक्ति का व्यक्तित्व नमक की तरह अनोखा होता है, जिसकी उपस्थिति याद नही रहती, मगर उसकी अनुपस्थिति प्रत्येक चीज को बेस्वाद बना देती है।
अगर आप में दूसरों को खुशी देने की ताक़त है, तो खुशियां बांटने में देर मत लगाओ। दुनिया को इसकी बहुत ज़रूरत है।