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- रिश्तों मे तकरार का एक ही कारण है, मैं सही, तुम गलत। कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है। बोलने वाले को भी और चुप रहने वाले को भी। इसलिए वास्तव में वही समझदार है, जिसे ये ज्ञान हो जाये कि कहां बोलना है और कहां चुप रहना है।
- गलती करना सफलता का पहला कदम नहीं है बल्कि की गई गलती को सुधारना सफलता का पहला कदम है।
- रिश्ते, दोस्ती और स्नेह हर एक के मुक़द्दर में होते हैं, पर यह रुकते उन्हीं के पास हैं, जहाँ इनकी कदर होती है।
” खुशियों” का ताल्लुक “दौलत” से नही होता जिसका मन “मस्त” है उसके पास “समस्त” है।