भारतीय पौराणिक और धार्मिक ग्रंथों में देवियों को माँ और शक्ति के प्रतीक के रूप में परिभाषित किया गया है। देवियों की पूजा और उनके प्रति श्रद्धा समाज में समाजिक और आर्थिक महत्व रखती है। उदहारण के रूप में माँ लक्ष्मी की पूजा समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए की जाती है, जबकि माँ दुर्गा की पूजा समाज की सुरक्षा और साहस की प्रतीक है। भारतीय संस्कृति में स्त्रियों का विशेष स्थान है, उन्हें माँ, बहन, और पुत्री के रूप में पूजा जाता है। यह स्त्री की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। भारतीय संस्कृति में पूजी जाने वाली देवियों में सिद्ध देवीं माता उमिया का विशेष स्थान हैं, माँ उमिया की उपासना उनके भक्तों द्वारा शक्ति एवं दिव्यता के स्रोत के रूप में की जाती हैं। माता उमिया को कुर्मी (कड़वे) पाटीदार समाज के लोगों द्वारा अपनी कुलदेवी के रूप में पूजा जाता हैं।
गुजरात के सिदसर में उमिया माताजी के प्राकट्य के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 29 सितंबर से 1 अक्टूबर 2023 तक तीन दिवसीय “बिल्वपत्र महोत्सव” का आयोजन किया गया। उत्सव के अंतिम दिवस पर आयोजित सामाजिक सम्मेलन में राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश पटेल जी (Mr. Bhupesh Patel, CM Gujarat) भी शामिल हुए। कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी ने उमिया माताजी के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। उत्सव के अंतिम दिवस पर पाटीदार समाज की ओर से बड़ी कार रैली निकाली गयीं जो कि गुजरात के विभिन्न स्थानों से निकलकर माँ उमियाधाम में एकत्रित हुई। विशाल संख्या में निकली कारों की रैली को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में “Largest Car Rally Converging from Multiple Locations to Single Venue” के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रुप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकार्ड का आधिकारिक सर्टिफिकेट कार्यक्रम में विशेष रुप से उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के भारत प्रमुख श्री अलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar, India Head, GBWR) द्वारा कार्यक्रम के संयोजक श्री मौलेशभाई उकानी जी (Mr. Mauleshbhai Ukani) और श्री उमिया माताजी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष को मुख्यमंत्री श्री भूपेश पटेल जी, केंद्रीय मंत्री श्री रूपाला जी एवं अन्य अतिथियों के उपस्थिति में प्रदान किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा पर कार्यक्रम स्थल में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं की तालियों की कर्तल ध्वनि से सारा पांडाल गूंज उठा।