रामनवमी

रामनवमी

भगवान श्री राम के जीवन की प्रमुख घटनाएं भगवान राम बचपन से ही शांत स्‍वभाव के वीर पुरूष थे। उन्‍होंने मर्यादाओं को हमेशा सर्वोच्च स्थान दिया था। इसी कारण उन्‍हें मर्यादा पुरूषोत्तम राम के नाम से जाना जाता है। उनका राज्य न्‍यायप्रिय और खुशहाल माना जाता था।

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में ‘छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन’ पुस्तक का नाम  हुआ दर्ज

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में ‘छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन’ पुस्तक का नाम हुआ दर्ज

इस पुस्तक में छत्तीसगढ़ का संपूर्ण दर्शन है इसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति, कला, संगीत, परिवेश, उपलब्धि, शासन-प्रशासन, राजनीतिक-भौगोलिक परिदृष्टि समेत लोक संस्कृति, योजनाएं, उपलब्धियां और छत्तीसगढ़ की विशेषताओं को छंद के माध्यम से उल्लेखित किया गया है

सूर्य की आराधना का अनूठा प्रसंग: जग संस्कृति का प्रतीक छट पूजा

सूर्य की आराधना का अनूठा प्रसंग: जग संस्कृति का प्रतीक छट पूजा

बिहार के लोक-जीवन में कार्तिक माह में दीपावली के बाद आने वाली छठ तिथि को षष्ठी पर्व मनाया जाता है। छठ पर्व में सूर्य देव की पूजा दो बार की जाती है। एक डूबते सूर्य की और उसके बाद उगते सूर्य की। यह पर्व उस कहावत को भी झुठलाता है कि उगते सूर्य की सभी पूजा करते हैं और...
कला जगत की जीवंत देवी : डॉ चित्रलेखा सिंह

कला जगत की जीवंत देवी : डॉ चित्रलेखा सिंह

कला जगत में हिंदुस्तान के लिए वैश्विक पटल पर महिलाओं की सफलता का इससे बेहतरीन उदाहरण भला और क्या हो सकता है ,कि डॉक्टर चित्रलेखा सिंह (Dr. Chitralekha Singh) विश्व की वह प्रथम महिला हैं जिन्होंने चित्रकला विषय में डिलीट की उपाधि प्राप्त की है। डॉ चित्रलेखा सिंह जी ने...
ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण में लगी अनुपम व्यक्तित्व: डॉक्टर ममता मिश्रा

ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण में लगी अनुपम व्यक्तित्व: डॉक्टर ममता मिश्रा

प्राचीनतम ऐतिहासिक वस्तुओं, कलाकृतियों ,पुस्तकों ,पांडुलिपियों आदि का खजाना हमारे देश में मौजूद है, दुर्भाग्यवश इनमें से ढेर सारी अनुपम ऐतिहासिक कृतियां जीर्ण शीर्ण हो नष्ट होने के कगार पर पहुंच जाती हैं ।इंटक यानी इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज, लखनऊ...
उर्दू में गीता का रचनाकार: अनवर जलालपुरी

उर्दू में गीता का रचनाकार: अनवर जलालपुरी

सनातन धर्मावलंबियों की आस्था के आधार के रूप में पीढ़ी दर पीढ़ी से श्रीमद्भागवत गीता का स्थान रहा है। इस पर अनेकानेक विद्वानों, मनीषियों, संत जनों, साहित्यकारों द्वारा विविध प्रकार से लिखा जाता रहा है और जनसामान्य को इसके द्वारा दिखाए गए मूल्यों को आत्मसात करने हेतु...