ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं, और अनुभव से अर्थ इंसान भी बहुत कमाल करता है, किसी को पसंद करें तो बुराई नहीं देखता, और जिससे से नफ़रत करे तो उसकी अच्छाई नहीं देखता।

ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं, और अनुभव से अर्थ इंसान भी बहुत कमाल करता है, किसी को पसंद करें तो बुराई नहीं देखता, और जिससे से नफ़रत करे तो उसकी अच्छाई नहीं देखता।

ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं, और अनुभव से अर्थ इंसान भी बहुत कमाल करता है, किसी को पसंद करें तो बुराई नहीं देखता, और जिससे से नफ़रत करे तो उसकी अच्छाई नहीं देखता।

ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं, और अनुभव से अर्थ इंसान भी बहुत कमाल करता है, किसी को पसंद करें तो बुराई नहीं देखता, और जिससे से नफ़रत करे तो उसकी अच्छाई नहीं देखता।

शब्दों का वजन तो बोलने वाले के भाव पर आधारित है। एक शब्द मन को दुःखी कर जाता है, और दूसरा शब्द मन को खुश कर जाता है, क्योंकि हमारी वाणी ही हमारे व्यक्तित्व और आचरण का परिचय कराती है।

शब्दों का वजन तो बोलने वाले के भाव पर आधारित है। एक शब्द मन को दुःखी कर जाता है, और दूसरा शब्द मन को खुश कर जाता है, क्योंकि हमारी वाणी ही हमारे व्यक्तित्व और आचरण का परिचय कराती है।

ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं, और अनुभव से अर्थ इंसान भी बहुत कमाल करता है, किसी को पसंद करें तो बुराई नहीं देखता, और जिससे से नफ़रत करे तो उसकी अच्छाई नहीं देखता।

कुछ नेकियाँ और कुछ अच्छाइयां अपने जीवन में ऐसी भी करनी चाहिए, जिनका ईश्वर के सिवाय कोई और गवाह ना हो। 

कुछ नेकियाँ और कुछ अच्छाइयां अपने जीवन में ऐसी भी करनी चाहिए, जिनका ईश्वर के सिवाय कोई और गवाह ना हो। 

ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं, और अनुभव से अर्थ इंसान भी बहुत कमाल करता है, किसी को पसंद करें तो बुराई नहीं देखता, और जिससे से नफ़रत करे तो उसकी अच्छाई नहीं देखता।

जीवन तो बांसुरी की तरह है, इसमें बाधा रूपी कितने ही छेद क्यों ना हो, लेकिन जिसे बजाना आ गया, समझो उसे जीना आ गया।

जीवन तो बांसुरी की तरह है, इसमें बाधा रूपी कितने ही छेद क्यों ना हो, लेकिन जिसे बजाना आ गया, समझो उसे जीना आ गया।

ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं, और अनुभव से अर्थ इंसान भी बहुत कमाल करता है, किसी को पसंद करें तो बुराई नहीं देखता, और जिससे से नफ़रत करे तो उसकी अच्छाई नहीं देखता।

दिन की शुरूआत में लगता है की ज़िंदगी में पैसा बहुत ज़रूरी है लेकिन दिन ढलने पर समझ आता है कि ज़िंदगी में .शांति अधिक ज़रूरी है।

दिन की शुरूआत में लगता है की ज़िंदगी में पैसा बहुत ज़रूरी है लेकिन दिन ढलने पर समझ आता है कि ज़िंदगी में .शांति अधिक ज़रूरी है।