“खुशियों” का ताल्लुक “दौलत” से नही होता जिसका मन “मस्त” है उसके पास “समस्त” है।

जिंदगी इतनी भी मुश्किल नहीं होती।, मनुष्य इसमें खुद उलझ कर इसे मुश्किल बना देता है। हमेशा मुस्कुराते रहिए कभी अपने लिये कभी अपनों के लिये, रिश्तें जब मजबूत होते है, बिना कहे ही महसूस होते है। अमूल्य संबंधों की तुलना कभी धन से न करें क्योंकि धन दो दिन काम आयेगा, जबकि संबंध उम्र भर काम आयेंगे।

“खुशियों” का ताल्लुक “दौलत” से नही होता जिसका मन “मस्त” है उसके पास “समस्त” है।

आप अकेले बोल तो सकते है,परन्तु बातचीत नहीं कर सकते। आप अकेले आनन्दित हो सकते है,परन्तु उत्सव नहीं मना सकते। अकेले  आप मुस्करा तो सकते है परन्तु हर्षोल्लास नहीं मना सकते हम सब एक दूसरे के बिना कुछ नहीं हैं यही रिश्तों की खूबसूरती है।