संसार में प्रत्येक जीव अपने मूल स्रोत, शाश्वत चैतन्य स्वरूप से वियोजित होता है। केवल मानव जीवन में यह संभावना होती है कि वह अपने मूल स्रोत को पहचान कर, चैतन्य स्वरूप की ओर लौट कर उसमें एकीकार हो सके। भगवान श्री कृष्ण जिस कर्म फल की बात भगवद गीता में करते हैं, उसी...
योग को वैश्विक स्तर पर घर-घर में पहुंचाने वाले तथा जन-जन के बीच में लोकप्रिय करने वाले परम पूज्य स्वामी रामदेव जी (Swami Ramdev ji) ने जो कार्य किया है वह भारतीय संस्कृति के प्रति अनूठा योगदान है तथा इतिहास के स्वर्णिम अध्याय के रूप में अनंत काल तक दर्ज रहेगा। आज सबसे...
एक्युपंचर थेरेपी (Acupuncture therapy) मूल रूप से चीन (China) की उपचार की प्राचीनतम विधि है। इसका प्रारंभिक लिखित अभिलेख चीनी ग्रंथों में मिलता है। दर्द से राहत दिलाने या चिकित्सा प्रयोजनों के लिए शरीर के विभिन्न बिंदुओं में सुई चुभाने (लगाने) और हस्त कौशल की...
योग भारत की एक प्राचीन धरोहर है जिसे लंबे समय से विस्मृत किया गया परंतु वर्तमान परिवेश में एक बार फिर नूतन पीढ़ी योग के प्रति तेजी से आकर्षित हो रही है तथा योग घर-घर में किया जाने लगा है। योग को प्रचारित एवं प्रसारित करने में अनेक मनीषियों के अतिरिक्त कुछ युवा योग...
अशोक देवांगन (Ashok Dewangan) ने अपनी टीम के साथ छत्तीसगढ़ की अनेक संस्था, संस्थानों के लिए एक से एक कलाकृति बनाई है। अशोक के बड़े भाई अंकुश देवांगन कला के क्षेत्र में एक चिर-परिचित नाम हैं। वे पैदाइशी कलाकार हैं, तो वहीं अशोक की दीदी भी चावल के दाने में कलाकारी करने...
घर की फुलवारी में 7 फुट 2 इंच का गेंदे का पौधा उगाने वाले तथा 7 फुट 5 इंच का तुलसी का पौधा उगाने वाले फरीदाबाद निवासी 70 वर्षीय श्री हरिचंद्र गर्ग जी (Mr. Hari chandra Garg) एक तरफ प्रकृति की इतनी गहन साधना करते हैं, तो दूसरी तरफ इस आयु में कठिन योग क्रियाओं से भी सभी...