दिलीप कुमार साहब: दि ट्रेजडी किंग

दिलीप कुमार साहब: दि ट्रेजडी किंग

ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार साहब (Dilip Kumar: the tragedy king) का 7 जुलाई 2021 को 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इसी के साथ भारतीय सिनेमा (Indian cinema) से अभिनय का नायाब हीरा हमेशा के लिए जुदा हो गया। दिलीप कुमार प्रतिष्ठित फ़िल्म निर्माण संस्था बाम्बे टाकीज (Bombey...
वक्तृत्व कौशल के बेमिसाल व्यक्तित्व: यतीश चंद्र शुक्ला जी

वक्तृत्व कौशल के बेमिसाल व्यक्तित्व: यतीश चंद्र शुक्ला जी

किसी भी विषय पर पुख्ता पकड़ बनाना जिस तरह सरल नहीं होता है उसी तरह विषय वस्तु की अभिव्यक्ति अथवा उसका प्रकटीकरण, वह भी सरल, सहज एवं जन-सामान्य के समक्ष समझने योग्य रूप में प्रस्तुत करना भी उतना ही दुष्कर होता है। किसी विषय पर कुछ घंटों नहीं वरन कई-कई घंटों तक विशद रूप...
बिना एक हाथ पैर वाले जांबाज योद्धा: लक्ष्मीकांत शिरके

बिना एक हाथ पैर वाले जांबाज योद्धा: लक्ष्मीकांत शिरके

जब हमारे पास से तेज गति से चलती हुई कार गुजरती है तो एक बार मन में यही ख्याल आता है कि कोई अनुभवी चालक होगा। अधिक दूरी तक जब कहीं जाना होता है तो पुनः किसी अनुभवी चालक को ही याद किया जाता है। किसी दिव्यांग द्वारा दुनिया में सर्वाधिक दूरी तक कार चलाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड...
विज्ञान के भगीरथ: डॉ. मृदुल शुक्ल

विज्ञान के भगीरथ: डॉ. मृदुल शुक्ल

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने लोगों की मुश्किलों को कम करने, विविध प्रकार की सहूलियतें मुहैय्या कराकर दुश्वारियों को घटाने में भरपूर मदद की है। नित-नूतन अनुसंधान से वैज्ञानिकगण जीवन को समृद्ध, सरस और सुखी बनाने की दिशा में सतत प्रयासरत हैं। यह सत्य है कि देश की उन्नति...
पुरुषार्थी:  मनोज कुमार पांडे जी

पुरुषार्थी: मनोज कुमार पांडे जी

सामान्य सा व्यक्तित्व, मध्यमवर्गीय परिवार एवं गृहस्थी के मायाजाल वाले परिवेश में रहकर व्यक्ति किसी अन्य के लिए कुछ करना तो दूर स्वाभाविक तौर पर सोचने की स्थिति में भी आमतौर पर नहीं होता है। अमूमन व्यक्ति अपनों से ही नहीं उबर पाता है इसलिए औरों के लिए कुछ नहीं करता है।...
एमडीएच में समाए एमडीएच, कर्म और धर्म की बेहतर मिसाल: श्री धर्मपाल

एमडीएच में समाए एमडीएच, कर्म और धर्म की बेहतर मिसाल: श्री धर्मपाल

अमूमन हर घर की रसोई में पहुँच बनाने वाले एमडीएच (MDH spices) मसालों के निर्माता महाशय धर्मपाल गुलाटी जी (Mahashay Dharmpal Gulati) के नाम में ही एमडीएच समाया हुआ था और यही वजह रही कि उनका नाम व काम ही उनका ब्रांड बन गया। जी हाँ, हम यहाँ बात कर रहे हैं महाशय धर्मपाल जी...