भारत कृषि प्रधान एवं ग्रामीण प्रधानता वाला देश है। आबादी का एक विशाल हिस्सा अभी भी गाँव में रहता है। यह एक दुर्भाग्य का विषय है कि काफी संख्या में गरीब, बेरोजगार आज भी हमारे देश में हैं और अत्यंत ही खेद का विषय यह है कि देश के हर कोने में भीख मांगने वालों की भी बड़ी...
ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लडी जा रही लड़ाई में अनेक समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं ऐसे थे, जिन्हें प्रकाशित करने में पत्रकारों को अपनी घर की संपत्ति भी बेचनी पड़ी थी। पत्रकारिता करने वाले मनीषियों को आर्थिक तंगी का चरम झेलना पड़ता था लेकिन उन्हें इसका कोई ग़म नहीं होता था...
वैज्ञानिक अनुसंधान में जुड़े हुए इस मनीषी द्वारा इतनी खूबसूरती के साथ चुटीली कविताओं का सृजन किया जाता है जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर देता है कि क्या एक वैज्ञानिक भी इतना अद्भुत सुन्दर साहित्य लिख सकता है जो लोगों के दिलों को तारों को झंकृत कर दे? ऐसे नायाब गुणों के...
“शहीदों की चिताओं पर लगेगें हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा” देश को आजादी काफ़ी त्याग, बलिदान, जद्दोजहद तथा संघर्ष के बाद मिली है यह हम सभी जानते हैं। लाखों-करोड़ों लोगों ने अपना सर्वस्व न्योछावर किया है। वैचारिक स्तर पर रास्ते एकाधिक...
हर मनुष्य का अपना एक व्यक्तित्व होता है, और यही मनुष्य की पहचान भी है। कोटि-कोटि मनुष्यों की भीड़ में निराले व्यक्तित्ववाला व्यक्ति अपनी विशिष्टता के कारण पहचान ही लिया जाता है। भीड़ से अलग खुद की पहचान बनाने के लिए कुछ अलग करना पड़ता है, बने बनाए रास्ते पर चलना तो...