सामान्य वातावरण (Environment) में जैसे ही थोड़ा सा जलवायुगत परिवर्तन (Climatic change) होता है तो हम लोग परेशान हो जाते हैं। तापमान अधिक हो जाए तो भी तथा कम हो जाए तब भी। जाड़े के दिनों में तापमान की गिरावट से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। अब यदि कई महीनों तक...
साहित्य (Literature) का अविर्भाव समाज से ही होता है जिसे साहित्यकार अपने भाव के साथ मिलाकर उसे एक आकार देता है। यही रचना समाज के नवनिर्माण में पथ-प्रदर्शक की भूमिका निभाने लगती है। साहित्यकार वह सशक्त माध्यम है जो समाज को व्यापक रूप से प्रभावित करता है। वह समाज में...
स्कूल से लौटते ही, जल्दी से विद्यालय का कार्य निपटा कर छोटे भाइयों को अपना सहायक बनाकर, मोहल्ले के बच्चों को लेकर जुट जाते, फिर फिल्मों को बनाने व दिखाने में व्यस्त हो जाते थे। परिवारी जन बेटे को ‘किरन’ कह कर पुकारते थे। 5 जुलाई सन 1953 को पिता पंडित दिनेश...
हावी जब कटुता हो जाती, घटता जाए स्नेह।ज्यों अंदर अंदर काटता मानव को मधुमेह ।बरतना सावधानी हमने गर न रखी जारी,बीमारियां हमारे ऊपर पड़ सकती हैं भारी। वैसे तो उपरोक्त पंक्तियां स्वास्थ्य से संबंधित हैं एवं कवि ने इसे काव्य रूप अंत्यंत सुन्दर एवं सृजनात्मक रूप में लिखा...
वर्ष 1982 की फिल्म” प्रेम रोग” में आपने “मेरी किस्मत में तू नहीं शायद” और “मैं हूं प्रेम रोगी” गीत गाकर फिल्म जगत में सभी को अपना मुरीद बना लिया था। इस फिल्म में श्री ऋषि कपूर जी के साथ आपकी आवाज इतनी जमी कि श्री ऋषि कपूर जी की...