महिलाओं के जोश ने रच दिया इतिहास स्वर्णाक्षरों मे अंकित हुआ नेत्रदान का प्रयास

महिलाओं के जोश ने रच दिया इतिहास स्वर्णाक्षरों मे अंकित हुआ नेत्रदान का प्रयास

8 सितम्बर 2021 को नेत्रदान (eye donation) के प्रति जागरूकता प्रसारित करने के उद्देश्य से अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन (Akhil Bharatiya Marwadi Mahila Sammelan) द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम ने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book of World Records) मे...
मानव सेवा को समर्पित – मयुरभाई जमोड ( Mayurbhai S Jamod)

मानव सेवा को समर्पित – मयुरभाई जमोड ( Mayurbhai S Jamod)

” जननी जण तो़ भग़त जण़जे, का दातार अने का़ सुर,    नहितर रहेजे वांजनी, मां तारु मत गुमाविश नुर. ” इंसान ओर उसकी क़ाबिलियत की परख तभी होती है जब उनकी प्रतिकूल परिस्थितियो से सामना होता है । अपने लक्ष्य तक पहूचने के लिये उसके पास कोई सुगम मार्ग़ नहीं होता ।...
गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ रोगों की एक दवा कह सकते हैं

गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ रोगों की एक दवा कह सकते हैं

कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय (Giloy) की उत्पत्ति हुई।इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। इसका वानस्पिक नाम ( Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora...
श्रुत पंचमी के पवन अवसर पर जिनवाणी का नाम स्वर्णाक्षरों से विश्व रिकॉर्ड में दर्ज

श्रुत पंचमी के पवन अवसर पर जिनवाणी का नाम स्वर्णाक्षरों से विश्व रिकॉर्ड में दर्ज

15 जून 2021 को श्रुत पंचमी (Shrut Panchami) की शुभ अवसर पर श्री दिगंबर जैन महासमिति (Shree Digambar Jain Mahasamiti) के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम सबसे बड़े ऑनलाइन जिनवाणी पूजन समारोह शीर्षक के साथ गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया। इस...
“गुस्सा” माचिस कि एक काड़ी के तरह है जो दूसरों से पहले खुद को जलाता है। “जो सबसे पहले क्षमा मांगता है वह सबसे बहादुर है, जो सबसे पहले क्षमा करता है वह सबसे शक्तिशाली है और जो सबसे पहले भूल जाता है वह सबसे सुखी।”

“गुस्सा” माचिस कि एक काड़ी के तरह है जो दूसरों से पहले खुद को जलाता है। “जो सबसे पहले क्षमा मांगता है वह सबसे बहादुर है, जो सबसे पहले क्षमा करता है वह सबसे शक्तिशाली है और जो सबसे पहले भूल जाता है वह सबसे सुखी।”