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- हर चीज वही मिल जाती है, जहाँ वो खोयी हो, लेकिन, विश्वास वहाँ कभी नही मिलता,जहाँ एक बार खो जाता है।
- इंसान हमेशा अपने भाग्य को कोसता है,यह जानते हुए भी कि भाग्य से ऊंचा उसका कर्म है, जो उसके स्वयं के हाथों में है!
- क्रोध हमारा एक ऐसा हुनर है, जिसमें फंसते भी हम हैं, उलझते भी हम हैं, पछताते भी हम हैं, और पिछड़ते भी हम ही हैं।
ये दोस्ती का “बंधन “भी बडा अजीब है, मिल जाए तो बातें लंबी, “बिछड” जाए तो यादें लंबी।