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- कर्मों की आवाज़ शब्दों से भी ऊँची होती है I यह आवश्यक नहीं कि हर लड़ाई जीती ही जाए I आवश्यक तो यह है कि हर हार से कुछ सीखा जाए तब तक कमाओ। जब तक "महंगी" चीज "सस्ती" ना लगने लगे, चाहे वो सामान हो या सम्मान।
- दुनिया में दान जैसी कोई सम्पत्ति नहीं, लालच जैसा कोई और रोग नहीं, अच्छे स्वभाव जैसा कोई आभूषण नही, और संतोष जैसा और कोई सुख नहीं।
- धनवान बनने के लिए एक-एक कण का संग्रह करना पडता है औऱ गुणवान बनने के लिए एक-एक क्षण का सदुपयोग करना पडता है कोशिश धनवान और गुणवान दोनों बनने की करें क्योंकि दोंनो का जीवन मे बहुत महत्व है।
अगर आप में दूसरों को खुशी देने की ताक़त है, तो खुशियां बांटने में देर मत लगाओ। दुनिया को इसकी बहुत ज़रूरत है।