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ज्ञान की बारिश जहाँ भी हो रही हो भीगते रहिए। हर शख्स कुछ न कुछ सिखाता है बस सीखते रहिए।
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अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं अकेले हम कागज हैं, मिल जाएं तो किताब हैं जीवन का आनंद मिलजुल कर रहने में है खुश रहो खुशिया बाँटते रहो।
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सच्चे व्यक्ति का व्यक्तित्व नमक की तरह अनोखा होता है, जिसकी उपस्थिति याद नही रहती, मगर उसकी अनुपस्थिति प्रत्येक चीज को बेस्वाद बना देती है।
“अच्छे लोग” बहुत ही सस्ते होते हैं। बस मीठा बोलो और खरीद लों ! शायद इसीलिए लोग उनकी “कीमत” नहीं समझते।