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दोष कांटो पर भी कैसे डाले भाई साब, पैर हमने ही रखा था वो तो अपनी जगह सही थे।
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रिश्तों मे तकरार का एक ही कारण है, मैं सही, तुम गलत। कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है। बोलने वाले को भी और चुप रहने वाले को भी। इसलिए वास्तव में वही समझदार है, जिसे ये ज्ञान हो जाये कि कहां बोलना है और कहां चुप रहना है।
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“अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं हैं, जितना की सीखने की इच्छा ना रखना।”
कुछ नेकियाँ और कुछ अच्छाइयां अपने जीवन में ऐसी भी करनी चाहिए, जिनका ईश्वर के सिवाय कोई और गवाह ना हो।