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- एक व्यक्ति ने भगवान से पूछा, तुझे कैसे रिझाऊं मैं। कोई वस्तु नहीं ऐसी जिसे तुझ पर चढाऊं मैं, "भगवान ने उत्तर दिया" संसार की हर वस्तु तुझे मैनें ही दी है। तेरे पास अपना सिर्फ तेरा "अहंकार" है,जो मैनें नहीं दिया। उसी को तु मुझे "अर्पण" कर दे,"तेरा जीवन सफल हो जाएगा"
- रंग रूप देखकर किसी की फितरत का अंदाजा मत लगाना क्योंकि वफ़ादार और अच्छे लोग अक्सर सादगी में ही मिलते हैं।
- "उम्मीद" हमारी वह शक्ति है,जो हमें उस समय भी प्रसन्न बनाये रखती है। जब हमें मालूम होता है। कि "हालात" बहुत खराब हैं।
दिन की शुरूआत में लगता है की ज़िंदगी में पैसा बहुत ज़रूरी है लेकिन दिन ढलने पर समझ आता है कि ज़िंदगी में .शांति अधिक ज़रूरी है।