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- गुस्सा करने के बदले रो लेना अच्छा है कि गुस्सा दूसरों को तक़लीफ़ देता है जबकि आंसू चुपचाप आत्मा में से बहकर हृदय को स्वच्छ करते हैं।
- सही "मौके" पर "खड़े" होकर बोलना एक "साहस" है उसी प्रकार "खामोशी" से बैठकर दूसरों को "सुनना" भी एक "साहस" है।
- फल और फूल, पेड़ पर पत्तों से कम होते हैं परन्तु फिर भी वो पेड़ उन्हीं के नाम से जाना जाता हैl उसी तरह, हमारे पास अच्छी बातें कितनी ही क्यूँ ना हों, पर पहचान तो सिर्फ अच्छे कर्मों से ही होती हैl
समय का कैसा दौर है, रात- दिन की दौड़ है खुश रहने का समय नहीं, बस खुश दिखने की होड़ हैl