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- अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं अकेले हम कागज हैं, मिल जाएं तो किताब हैं जीवन का आनंद मिलजुल कर रहने में है खुश रहो खुशिया बाँटते रहो।
- ' डर' कहता है,यह असंभव है। 'अनुभव' कहता है,यह जोखिम भरा है। ' तर्क ' कहता है,यह कठिन है। परंतु,' साहस ' कहता है, एक बार ' प्रयास ' तो कीजिए।
- सप्ताह के सात वार में आठवा वार "परिवार" और जोड़लो फिर उस आठवे वार को शुभ बनालो, आपके सभी वार शुभ हो जाएंगे, क्यो ज्योतिषियों से पूंछते रहते हो कि मेरे लिये कौन से वार शुभ हैं।
रंग रूप देखकर किसी की फितरत का अंदाजा मत लगाना क्योंकि वफ़ादार और अच्छे लोग अक्सर सादगी में ही मिलते हैं।