Related Posts
- विद्वत्ता पर कभी घमण्ड न करें, यही घमण्ड विद्वत्ता को नष्ट कर देता है। दो चीजों को कभी व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए अन्न के कण को "और" आनंद के क्षण को।
- स्वभाव सूर्य जैसा होना चाहिए, न उगने का अभिमान और न डूबने का गम जीने का यही अंदाज रखो । जो तुम्हे ना समझे, उसे नजरअंदाज रखो। देने के लिए कुछ न होतो सामने वाले को सम्मान दे, यह भी बड़ा दान होगा।
- “समय" के फैसले कभी गलत नहीं होते, बस साबित होने में समय लगता है, “स्वयं" को स्वयं ही खुश रखें, ये जिम्मेदारी किसी और को ना दें।
खुशी थोड़े समय के लिए संतुष्टि देती है, और संतुष्टि हमेशा के लिए खुशी देती है।