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ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं, और अनुभव से अर्थ इंसान भी बहुत कमाल करता है, किसी को पसंद करें तो बुराई नहीं देखता, और जिससे से नफ़रत करे तो उसकी अच्छाई नहीं देखता।
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पानी का असली स्वाद तब पता लगता है जब हम बहुत प्यासे होते हैं। ठीक उसी तरह प्रेम और सहयोग का पता तब चलता है जब हम बहुत कठिनाई में होते हैं।
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हम न नास्तिक है न आस्तिक, हम तो केवल वास्तविक है। जो अच्छा लगे उसको ग्रहण करो, जो बुरा लगे उसका त्याग करो फिर चाहे वो विचार हो, कर्म हो, या धर्म हो।
अजीब चलन है दुनिया का दीवारों में आये दरार तो, दीवारे गिर जाती है। पर रिश्तों में आये दरार तो दीवारे खड़ी हो जाती है।