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दिल के अच्छे होने से बेहतर है, आप जुबान के अच्छे हों, लोगों का वास्ता पहले जुबान से पड़ता है, दिल तक तो कुछ खास लोग ही पहुंच पाते हैं।
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समय का कैसा दौर है, रात- दिन की दौड़ है खुश रहने का समय नहीं, बस खुश दिखने की होड़ हैl
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दुनिया में दान जैसी कोई सम्पत्ति नहीं, लालच जैसा कोई और रोग नहीं, अच्छे स्वभाव जैसा कोई आभूषण नही, और संतोष जैसा और कोई सुख नहीं।
क्रोध आने पर चिल्लाने के लिऐ कोई ताकत नहीं चाहिए। मगर क्रोध आने पर चुप रहने के लिए,बहुत ताकत चाहिए।