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सबसे बेहतरीन नजर वो है जो अपनी कमियों को देख सके, क्योंकि नींद तो रोज ही खुलती है पर आँखे कभी-कभी ही।
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समय का कैसा दौर है, रात- दिन की दौड़ है खुश रहने का समय नहीं, बस खुश दिखने की होड़ हैl
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किसी को चोट पहुँचाना उतना ही आसान है जैसे पेड़ से पत्ता तोड़ना, लेकिन किसी को खुश करना एक पेड़ उगाने जैसा है। इसमें बहुत समय, देखभाल और धैर्य लगता है।
“अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं हैं, जितना की सीखने की इच्छा ना रखना।”