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- परिस्थितियों के अनुसार सब चीज सुंदर हैं। जो स्कूल की घंटी सुबह के समय बेकार लगती है, वही छुट्टी के समय बहुत अच्छी लगती है।
- पानी का असली स्वाद तब पता लगता है जब हम बहुत प्यासे होते हैं। ठीक उसी तरह प्रेम और सहयोग का पता तब चलता है जब हम बहुत कठिनाई में होते हैं।
- जिंदगी में रिश्तों का स्वाद हर रोज बदलता रहता है, कभी मीठा, कभी खारा, कभी तीखा, पर ये स्वाद इस बात पर निर्भर करता है कि हम प्रतिदिन अपने रिश्तों में क्या मिला रहे है।
एक निऱाशावादी इंसान हर मौके पर सिर्फ कठिनाइयों को ही देखता है, जबकि एक आशावादी इंसान हर कठिनाई में मौके देखता है।