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- अच्छे लोगों की परीक्षा न लीजिए, वे पारे की तरह होते हैं कोई उन पर चोट करता है तो वे टूटते नहीं, फिसल कर चुपचाप आपकी जिन्दगी से निकल जाते हैं
- अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं अकेले हम कागज हैं, मिल जाएं तो किताब हैं जीवन का आनंद मिलजुल कर रहने में है खुश रहो खुशिया बाँटते रहो।
- तमन्नाएं भी उम्र भर कम नहीं होंगी, समस्याएं भी कभी हल नहीं होंगी! फिर भी हम जी रहे हैं वर्षों से इस तमन्ना में, कि मुश्किलें जो आज हैं, शायद कल नहीं होंगी!!
“सारी मुसीबतें” रुई से भरे थैले की तरह होती हैं, देखते रहेंगे तो बहुत भारी दिखेंगी और उठा लेंगे तो एकदम हल्की हो जाएंगीं।