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- "बोलना" और "प्रतिक्रिया" करना जरूरी है लेकिन "संयम" और "सभ्यता" का दामन नहीं छूटना चाहिये आजाद रहिये "विचारों" से परन्तु बंधे रहिये "संस्कारों" से।
- दिमाग कचरे का डब्बा नही, जिसमे आप, क्रोध, लोभ, मोह, अभिमान, और जलन रखे, दिमाग एक खजाना है जिसमे आप, प्यार, सम्मान, ज्ञान, विज्ञान, मानवता, दया, जैसी बहुमूल्य चीजे रख सकते है। याद रखिये असफलता अनाथ होती है, और सफलता के रिश्तेदार अनेक होते हैं। जहाँ आप कुछ नहीं कर सकते। वहाँ भी एक चीज जरूर कीजिए। "कोशिश "
- ख़ामोशी की तह में छुपा लो सारी उलझनो को, शोर कभी मुश्किलों को आसान नहीं करता। जो सुख में साथ दे, वे "रिश्ते" होते हैं ! जो दुख में साथ दे, वे "फरिश्ते" होते हैं !
किसी को चोट पहुँचाना उतना ही आसान है जैसे पेड़ से पत्ता तोड़ना, लेकिन किसी को खुश करना एक पेड़ उगाने जैसा है। इसमें बहुत समय, देखभाल और धैर्य लगता है।