अपनी योग्यता, काबिलियत एवं कठिन त्याग के कारण मुकम्मल मुकाम प्राप्त कर लेना, समाज के संभ्रांत व्यक्तित्व में अपना नाम शुमार करवाना, ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीने के समस्त लौकिक संसाधन अर्जित कर लेने वाली एक से बढ़कर एक शख्सियतें भरी पड़ी हैं। सरस्वती एवं लक्ष्मी के अद्भुत मिलन के सुभागी भी बहुत लोग हैं लेकिन मानवीय संवेदना का विस्तार इस परिधि तक पहुंच जाए कि अपने पराए का भेद तिरोहित हो जाए, दर्द का अनुभव समभाव में महसूस हो, दैहिकता से स्वयं के भले ही वह न सन्निविष्ट हो। पंच भूतों से निर्मित इस नश्वर शरीर को नाना प्रकार की व्याधियां भी अपनी गिरफ्त में लेने का भरपूर प्रयास करती रहती हैं। इससे बचाने के लिए हमारे बीच में ही ईश्वर अपने प्रतिनिधियों को भेजता रहता है। ऐसे ही एक सख्श है श्री संजय महेंद्रा के।
वर्ष 1966 के जनवरी महीने की 19 तारीख को जनपद अयोध्या (Ayodhya) में व्यवसायिक जगत से ताल्लुक रखने वाले शहर के मशहूर चिकित्सक डॉक्टर राम प्रसाद महेंद्रा जी की जीवन संगिनी श्रीमती रानी महिंद्रा जी की गोद में जन्मे श्री संजय महेंद्रा जी (Mr. Sanjay Mahendra) ने वर्ष 2014 -15 में मुट्ठी भर लोगों की अगुवाई में “अयोध्या धाम समिति” (Ayodhya Dham Samiti) की स्थापना कर समाज के हर क्षेत्र की सेवा करने में घनिष्ठ रूप से सन्नद्ध हो गए। दरअसल आपको पैतृक रिक्तथ के रूप में सेवा भाव मिला है। आपके पिताजी अपने व्यवसाय को संभालते हुए मरीजों की सेवा करते थे और उन्हें औषधी उपलब्ध कराते थे। दीन-दुखियों की मदद करने की दरियादिली उनमें कूट-कूट कर भरी थी। आपकी माताजी भी उनके इस कार्य में सदैव लगी रहती थीं।
दीर्घकाल तक उत्कृष्टत्तम राजनैतिक पृष्ठभूमि को त्याग कर मानवता की सेवा को ही अपना एकमात्र ध्येय बना लेने वाले से श्री संजय महेंद्रा जी के गुणों की खुशबू का ही असर है कि अयोध्या धाम समिति की स्थापना में एक तरफ मनीषा के संवाहक कुशल नेतृत्वकर्ता के गुणों से सराबोर विख्यात शिक्षाविद डॉ एच बी सिंह (Dr. H.B. Singh) एवम् डॉ सीताराम अग्रवाल (Dr. Sitaram Agrwal) जैसे अनमोल विभूतियों का संरक्षण प्राप्त हुआ तो दूसरी तरफ नूतन उर्जा से ओतप्रोत अनेक शख्सियतों का साथ मिला है। कर्म को धर्म के रूप में जीने वाले श्रद्धेय कविंद्र साहनी जी (Kavindra Sahni), श्री निरंकार अग्रवाल जी (Nirankar Agrwal) जैसे अहर्निश समर्पित मानवता के पुजारियों का आशीष भी संस्था को प्राप्त है। पूजनीया संतोष गर्ग (Santosh Garg) जैसी देवी की साधना ने संस्था को सफलता प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाई है। वर्ष 2019 में इस संस्था का नाम “अयोध्या धाम चैरिटेबल ट्रस्ट ” (Ayodhya Dham Charitable Trust) रख दिया गया। आजादी के लिए अपना सर्वस्व खुशी-खुशी न्योछावर कर देने वालों आजादी के मतवाले महापुरुषों की जयंती को विविध प्रकार से मनाना, समाज के असहाय कमजोर वर्ग की सेवा जैसे अनेक कार्य अयोध्या धाम चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किए जाते हैं। आज इसके द्वारा किए गए कार्यों की दूर-दूर तक ख्याति हैं और प्रशंसा की जाती है।
कोरोना विश्वव्यापी आपदा (Corona Pandemic) के दौरान संस्था ने मानवता की नायाब मिसाल पेश करते हुए लोगों की हर तरह से खोज- खोज कर मदद की। मानवता के कल्याण हेतु समर्पित इसके समस्त सदस्यगण पूर्ण समर्पण भाव से सन्नद्ध हैं तथा बिना किसी प्रकार की आर्थिक मदद की मात्र आपसी सहयोग के आधार पर ही आपके कुशल नेतृत्व में मानवता की सेवा का अद्भुत प्रतिमान गढ़ रहे हैं।