किसी भी विषय पर पुख्ता पकड़ बनाना जिस तरह सरल नहीं होता है उसी तरह विषय वस्तु की अभिव्यक्ति अथवा उसका प्रकटीकरण, वह भी सरल, सहज एवं जन-सामान्य के समक्ष समझने योग्य रूप में प्रस्तुत करना भी उतना ही दुष्कर होता है। किसी विषय पर कुछ घंटों नहीं वरन कई-कई घंटों तक विशद रूप में अनवरत बोलते रहना बिना विश्राम के, बिना समयांतराल के तथा बिना किसी व्यवधान के बेहद जटिल एवं तपस्यापरक होता है लेकिन भारतीय वसुंधरा पर तो एक से बढ़कर एक मनीषियों का अवतरण होता रहता है जो अपने कार्य से असंभव को संभव करने का कारनामा करते रहते हैं तथा आमजन के प्रेरणा के स्रोत बन आभायमान तारे की तरह जगमगाते हैं।

भारत माता के एक ऐसे ही नायाब कोहिनूर हैं उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले (Lakhimpur Kheri, Uttar Pradesh) के रहने वाले श्री यतीश चंद्र शुक्ला जी (Mr. Yatish Chandra Shukla)। आपने कम उम्र में ही अपनी मेधा का परचम वैश्विक पटल पर फहराने का कार्य किया है। आपने विविध विषयों पर महारथ तो हासिल की ही है इसी के साथ उन पर अद्भुत वक्तृत्व क्षमता भी अर्जित की है। विगत कई वर्षों से आपने हजारों छात्रों को पढ़ाकर, उनका मार्गदर्शन कर उनके कैरियर प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया है एवं अभी भी मुकम्मल मंजिल तक पहुंचाने में जी-जान से सहयोग कर रहे हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत आप छात्रों का मार्गदर्शन करने लगे, कुछ समय उपरांत आपने तय किया कि क्यों न कुछ ऐसा किया जाए जो अपने आप में अद्वितीय हो। इसी क्रम में आपने अत्यधिक समय तक पढ़ने- पढ़ाने का विचार बनाया।

यतीश जी ने वर्ष 2018 में सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्रों को अनवरत कई घंटे पढ़ाने का फैसला किया। अपनी इस परिकल्पना को अमलीजामा पहनाने के लिए छात्रों को इतिहास, भूगोल, संवैधानिक व्यवस्था, अर्थशास्त्र एवं समसामयिक विषय पर 5 जून 2018 से 10 जून 2018 तक लगातार 148 घंटे 14 मिनट 13 सेकंड तक पढ़ाने का अनोखा कारनामा कर दिखाया।आपकी यह साधना विश्व विख्यात संस्था गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book Of World Records) में दर्ज हुई। 2018 में ही 25 सितंबर से 30 सितंबर तक विविध विषयों की 42 पुस्तकों को अनवरत 123 घंटे 34 मिनट 44 सेकंड तक पढ़कर लांगेस्ट रीडिंग अलाउड मैराथन (Longest Reading Aloud Marathon) नामक शीर्षक से पुनः गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book Of World Records) में अपना नाम दर्ज कराया।

वर्ष 2019 में 5 जनवरी से प्रारंभ कर 9 जनवरी तक अनवरत 106 घंटे 3 मिनट 6 सेकंड तक आपने भाषण दिया जो संपूर्ण विषय के लिए अनोखा रहा फलतः इसे भी लांगेस्ट स्पीच मैराथन (Longest Speech Marathon) नामक शीर्षक से गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book Of World Records) में दर्ज किया गया। इस प्रकार आपकी ज्ञान गंगा का प्रवाह अविरल गति से होता रहा तथा आपकी साधना जारी रही। इसी तरह वर्ष 2019 में 6 जुलाई से 7 जुलाई तक बिना रुके 26 घंटे तक पढ़ने का एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड आपने बनाया। उसी समय आपने 6 जुलाई से 11 जुलाई तक लगातार 124 घंटे 10 मिनट तक पढ़ाने का कारनामा करते हुए अपने ही पूर्व में बनाए गए वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़कर लांगेस्ट रीडिंग अलाउड मैराथन (Longest Reading Aloud Marathon) नामक शीर्षक से एक बार फिर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया।

सरस्वती साधक साहित्यानुरागी श्री यतीश चंद्र शुक्ला जी कवि हृदय भी हैं। आपने अपनी अर्धांगिनी श्रीमति शिप्रा जी के साथ कपलेश फाउंडेशन के तत्वाधान में देश के कोने-कोने से विशाल संख्या में कवियों को आमंत्रित कर अनूठा कवि सम्मेलन कराने के कार्यक्रम का खांचा तैयार किया तथा 2 अप्रैल से 7 अप्रैल 2021 में अनवरत 121 घंटे तक चलने वाला, कवि सम्मेलन कराके जिसमें 400 से भी अधिक कवियों ने प्रतिभाग किया एक और वैश्विक कीर्तिमान longest poetry show दर्ज कराया तथा संपूर्ण विश्व में अपने जनपद का नाम प्रसारित किया।

लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश के निवासी श्री गंगा शुक्ला जी एवं श्रीमती सुनीता शुक्ला जी के आंगन में 6 संतानों में सबसे बड़ी संतान के रूप में 25 सितंबर 1983 को जन्मे श्री यतीश चंद्र शुक्ला जी आज समाज में प्रेरणा स्तंभ के रूप में देखे जाते हैं। आपको विविध प्रकार के अलंकरणों से प्रायः सम्मानित किया जाता रहता है एवं युवाओं के मार्गदर्शक बन आज आप उनके जीवन को संवार रहे हैं।