टैक्स संबंधी मामलों के विशेषज्ञ (Tax consultant) के रूप में संपूर्ण कोटा एवं राजस्थान में श्री अनिल काला जी (Mr. Anil Kala) का बहुत अच्छा नाम है, परंतु इसके साथ ही आप सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यों के लिए सदा आगे रहते है। सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रसिद्ध, पिताजी श्री महावीर काला जी और माँ श्रीमती मनोरमा काला जी की घर में 25 दिसंबर 1961 को जन्मे श्री अनिल काला जी कानून की पढ़ाई करके वकालत के पेशे में आ गए। आज आपकी गिनती अच्छे वकीलों में होती है। सामाजिक कार्यों के प्रति लगाव आपको पैतृक रूप में मिला था, इसलिए आप भी अनेक प्रकार के सामाजिक कार्यों में संलग्न हो गए। विभिन्न कार्यों को करने के अलावा आप जैन संतों के सानिध्य में समय व्यापन करने लगे। सामाजिक सहभागिता की भावना के कारण आपका जयपुर आना जाना लगा रहता है, वहीं एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के समारोह में शामिल होने का मौका मिला, जिसे देख कर आपके मन में भी वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की भावना जागृत हुई।
आप हमेशा जैन गुरुजनों के सानिध्य में रहते है। इसी बीच में गुरुमाता परम पूजनीय श्री 105 विशुद्धमती माताजी (Vishuddhmati mata ji) के 50 वें दीक्षा महोत्सव की तैयारी कोटा में चल रही थी। आपने माता जी के संपर्क किया तो पता चला की अभी तक आप 38 आर्यिकाओ को दीक्षा दे चुकी है, जो अपने आप में अद्भुत है फिर आपने उन सबका डाटा इकठ्ठा किया और फाइल बनायीं फिर इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) मे दर्ज कराए जाने हेतु संस्था में आवेदन किया, GBWR टीम ने इसका पूरा अध्यन करने के बाद इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करने की सहमति मिल गयी तब आपने GBWR की टीम को 9 मार्च 2019 को कोटा आमत्रित किया जिसमे मिट्टी के दियो से आरती (Largest Earthen Lamp Aarti ) करने का रिकॉर्ड बनाने का भी प्लान किया जिसके लिए सुबह 5:30 बजे से दीपक प्रज्ज्वलित करना प्रारंभ किया एवं 8 बजे तक 97600 दीपक जलाकर परम पूज्य सिद्धांत रत्न गणिनी आर्यिका 105 श्री विशुद्ध माता जी की आरती करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया। इस तरह माता जी का 50th स्वर्णिम सय्यम दीक्षा महामहोत्सव दो विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया जिनके सर्टिफिकेट माता जी को समर्पित किए गए।
इसी तरह जब आपको पता चला की हार्ट वाइस सोसाइटी कोटा (Heartwise Society, Kota) द्वारा किड्स मैराथन, ड्राइंग कॉम्पिटशन और जुम्बा डांस का बड़ा आयोजन कर रही है तो आपने गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम से संपर्क किया और फिर GBWR की टीम को 8 दिसंबर 2019 को ससम्मान बुलवाया गया, उस दिन तीन वर्ल्ड रिकार्ड्स बने पहला सर्वाधिक लोगों द्वारा सामूहिक जुंबा डांस (largest zumba dance) जिसमें 70 स्कूल के 14538 छात्रों ने भाग लिया, दूसरा सबसे बड़ी चित्रकला प्रतियोगिता (largest drawing competition at multiple locations) जिसमे 29800 प्रतिभागियो ने हेल्थ विषय पर अलग-अलग पेंटिंग बनाई थी, तीसरा रिकॉर्ड बच्चों की सबसे बड़ी मैराथन (largest kid’s marathon walk) जिसमे 17845 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। इस मैराथॉन कार्यक्रम का शुभारंभ लोकसभा अध्यक्ष महोदय श्री ओम बिड़ला जी के कर कमलों से हुआ। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सर्व श्री साकेत गोयल जी, डॉ. सुरभि गोयल जी, रुचिता अरोड़ा जी, कमलदीप सिंह जी, राहुल सेठी जी, हिमांशु अरुण जी, राकेश जैन जी, तरुण मीत बेदी जी सहित अन्य अनेक शख्शियतों की सहभागिता प्रमुख रही थी।
2 फरवरी 2020 को आर्यिका रत्न 105 श्री स्वस्ति भूषण माताजी (Shri Swastibhushan mata ji) के दिशा-निर्देश में जहाजनुमा बने स्वस्तिधाम का भी रिकॉर्ड GBWR में दर्ज हुआ जो की 188 ft. x 93 ft. आकार का है। ये इतना सुन्दर बना है की अगर आप इसे देखेंगे तो आप के मुँह से यही नकलेगा अद्भुत….. इसके लिए अनिल काला जी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए सारे डॉक्यूमेंट उपलब्ध करवाए। इसके बाद आपने 25 फरवरी 2020 को बिजोलिया में GBWR टीम को आमंत्रित किया जहां निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव 108 श्री सुधा सागर जी महाराज (Muni pungav Shri Sudha Sagar ji maharaj) के दिशा निर्देश में भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन मुद्रा में समाधिस्थ 27 फुट ऊंची एवं 125 ton वजन वाली मूर्ति का तथा उस पर निर्मित विशाल छत्र का भी रिकार्ड, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज हुआ। इसके लिए आपने आवश्यक डाटा भी GBWR को उपलब्ध करवाया।
चूंकि श्री काला जी वकालत की शिक्षा प्राप्त एवं पेशे से कर सलाहकार है अतः पाई-पाई के हिसाब एवं कागजी कार्यवाही में निपुण हैं अतः अपनी इस खूबी का प्रयोग आपने समाज एवं संत सेवा में विश्व रिकॉर्ड की फाइल बनाने एवं डॉक्यूमेंटेशन में बखूबी किया जिसके कारण विश्व कीर्तिमान बन सके हैं। आज समाज के प्रतिष्ठित शख्सियत के रूप में आपकी ख्याति है तथा अन्य संस्थाओं से आप न केवल जुड़े हैं, अपितु उच्च पदस्थ भी हैं। इसी साधना और समाज के प्रति जिम्मेदारियों के चलते आपको अनेक अत्यंत प्रतिष्ठित सम्मानों से अनेकों बार विभूषित किया जा चुका है। आपकी सेवा का दायरा विदेशों तक हैं, वही दूसरी ओर आप अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी बहुत अच्छी तरह निभाते है। कोरोनाकाल में भी आपने गरीबो और बेसहारा लोगों की बहुत मदद की। आप सदा ऐसे ही लोगों की सहायता करते रहें और प्रतिभाओ को उनका उचित सम्मान दिलाते रहें।