गिरते हैं सह सवार मैदाने जंग में वो तिफ्ल क्या गिरे जो घुटनों के बल चले। यह मात्र कहावत ही नहीं है अपितु उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मूल निवासी तथा कानपुर में एक कोचिंग संस्थान में छात्रों को पढ़ाने वाले 26 वर्षीय युवा ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है इस होनहार व्यक्ति का नाम है जनाब अलाउद्दीन शेख (Alauddin Shekh) । कुछ अलग करने का जुनून रखने वाले अलाउद्दीन जी ने अगस्त 2019 में लगातार 27 घंटे 5 मिनट तक जंतु विज्ञान की बोल बोल कर पढ़ाई करके असाधारण कार्य करते हुए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में अपना नाम दर्ज करा कर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया ।अलाउद्दीन जी ने बारहवीं पूर्ण करने के उपरांत साल 2014 में डॉक्टर बनने का ख्वाब पाले सीपीएमटी की तैयारी करने कानपुर नगर आए। काफी मेहनत की लेकिन भाग्य ने तो आपके हिस्से में कुछ और ही लिखा था ,उसमें सफलता नहीं मिली। असफलता से निराश न होते हुए आपने वापस घर जौनपुर लौटने के बजाय कानपुर में ही टिके रहना मंजूर किया और अब क्योंकि विषय पर इतनी अच्छी पकड़ हो गई थी तथा आपके विषय ज्ञान के लोग घायल भी हो गए थे इसलिए कोचिंग में छात्रों को जीव विज्ञान पढ़ाने लगे। धीरे-धीरे आपकी ख्याति बढ़ने लगी एवं अल्प आयु में ही जीव विज्ञान के बेहतरीन शिक्षकों में आप की गिनती की जाने लगी ।इस तरह जीवन की रेल चल ही रही थी कि एक बार आप की नजर एक सूचना पर पड़ी एक महोदय ने पढ़ने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है बस क्या था कि आपके मन में भी विश्व रिकॉर्ड बनाने की इच्छा जागृत हो गई और लग गए इस दिशा में। इस काम में आपकी कोचिंग के मुखिया और कई वरिष्ठ जन तथा मुख्य रूप से डॉ दिलीप गंगवार जी ने हर तरह से सहयोग एवं स्नेह दिया ।आप अपनी तैयारी में जोर-शोर से लगे रहे और अंततः वह दिन आया जब वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने हेतु आपने पढ़ना प्रारंभ किया, विषय था जंतु विज्ञान .इसे लगातार पढ़ना था, बीच बीच में पानी पीने हेतु मात्र 30 सेकेंड का समय मिलता था, लेकिन आप अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण साधना के साथ लगे रहे और वह समय है जब आपने लगातार पढ़ने के अल्जीरिया देश के पूर्व रिकार्ड को, जो 22 घंटे का था ,को तोड़ते हुए अपना वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला तथा सिद्ध कर दिया कि सफलता का कोई एक नियत क्षेत्र नहीं होता है, इंसान सफलता के लिए क्षेत्रों का निर्माण और निर्धारण स्वयं करता है। किसी एक क्षेत्र में असफलता किसी भी व्यक्ति की प्रतिभा का मानक नहीं होती है ।जौनपुर जिले के खेती किसानी करने वाले मोहम्मद अकरम जी एवं अदीना बेगम जी के लाडले अलाउद्दीन शेख ने अपनी सफलता के मानक स्थापित करते हुए बहुत से युवाओं के लिए उम्मीद की किरण स्थापित करने का कार्य कर दिखाया है।
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