हजार दो हजार अथवा लाखों साल के कैलेंडर नहीं , अरबों वर्ष पूर्व से संबंधित किसी भी प्रकार की गणना कंप्यूटर से भी तेजी के साथ देने वाले, राजस्थान के बूंदी निवासी , श्री ज्ञानेंद्र सिंह हाडा (Gyanendra Singh Hada) ने याददाश्त के छेत्र में रिकॉर्ड दर्ज करा कर अपनी योग्यता एवं राजस्थान का परचम पूरी दुनिया में लहराया है। राजस्थान में न्यू नेहरू सीनियर सेकेंडरी स्कूल में अंग्रेजी विषय के अध्यापक के पद पर कार्यरत श्री ज्ञानेंद्र सिंह हाडा ने याददाश्त बढ़ाने पर अनेक शोध किए हैं ।यादाश्त को आसानी से कैसे बढ़ाया जाए, पहले तो आपने स्वयं पर इसका प्रयोग किए तथा सफलता प्राप्त करने के उपरांत इस विषय पर छात्रों को प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया ।आपने साधारण तरीके से अरबों खरबों वर्ष के कलैंडर याद कर लिया तथा इससे संबंधित किसी भी प्रकार की गणना को कुछ ही सेकंड में करके सभी को आश्चर्यचकित कर देते हैं ।अपनी याददाश्त से कंप्यूटर को भी पछाड़ देने वाले श्री ज्ञानेंद्र सिंह हाड़ा जी ने माइक्रोसाफ्ट को चुनौती देकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। तीव्र गति से गणितीय गणना करके सन 2014 में आपका नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है ।भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आपके शोध की सफलता की प्रशंसा की गई है ।19 जून 1982 को बूंदी में वकील श्री सुरेंद्र सिंह हाडा के घर में जन्मे इस अद्वितीय गणितज्ञ की ,भारत के प्राचीन गणितज्ञ आर्यभट्ट जैसे विद्वानों से प्रेरित होकर, प्राचीन विद्या को आधार बनाकर शोध किए जाने की प्रबल इच्छा है ।आपके मार्गदर्शन में अनेक छात्र बुलंदियों की तरफ अग्रसर है तथा वर्ष 2018 में आप की छात्रा स्नेहल माहेश्वरी द्वारा भी गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में अपना नाम दर्ज कराया गया है।